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बाढ़ में पता नहीं चलता कि पुल की रोड किधर है और पानी कहां से…इसलिए दोनों ओर लगेंगे बैरियर-रिफ्लेक्टर

पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव, सचिव डा. कमलप्रीत के निर्देश पर ईएनसी पीपरी का पत्र

छत्तीसगढ़ में पिछले तीन हफ्ते में हुई बारिश से ज्यादातर नदी नाले या तो छलक गए हैं या पानी का लेवल इतना ज्यादा है कि थोड़ी बरसात और हुई तो निचले पुल डूबने लगेंगे। हर जिले को मिलाकर ऐसे बड़े-छोटे पुलों की संख्या सैकड़ों में है जो पुराने हैं, निचले हैं और ज्यादा बारिश होने से जिनपर एक से चार-पांच ऊपर पानी बहने लगता है। अधिकांश ड्राइवर और ग्रामीणों की कोशिश रहती है कि पुल पर एक-डेढ़ फीट पानी रहे तो वे गाड़ी पार कर लें। लेकिन छत्तीसगढ़ के ज्यादातर निचले पुलों की स्थिति यह है कि जब नदी-नालों में बाढ़ आती है तो पता ही नहीं चलता कि पुल शुरू कहां से हो रहे हैं, नदी-नालों के बीच पुल की सड़क के दोनों किनारे कहां हैं, जिनके बीच से गुजरा जा सके। ऐसे में गाड़ियों के पुल से बहाव में गिरने का खतरा रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव और पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह के निर्देश पर इंजीनियर इन चीफ केके पीपरी ने प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियरों और सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियरों को सर्कुलर जारी किया है कि नदियों पर बने पुलों के दोनों ओर अस्थाई बैरियर लगा दिए जाएं। साथ ही रिफ्लेक्टर और साइन-बोर्ड इस तरह लगाएं कि पुलों की सरहद डूबने के बाद भी दिखती रहे। यही नहीं, सभी ईई से कहा गया है कि पुराने-क्षतिग्रस्त पुलों की रेलिंग एवं क्रैश बैरियर को देखें और जरूरी सुधार करें।

ईएनसी पीपरी ने जारी सर्कुलर में कहा है कि ऐसे सभी पुलों और जगह जहां बारिश का पानी बहने लगता है, उसका तुरंत निरीक्षण शुरू कर दिया जाए। भारी वर्षा से जिन नदी-नालों पर बाढ़ आती है तथा पुल और सड़कें डूबती हैं, वहां का निरीक्षण किया जाए और जान-माल की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। कम से कम ऐसे स्थानों को एसडीओ लेवल पर चिन्हित कर लिया जाए, जहां छोटे पुलों और सड़कों पर इतना तेज पानी चलता है कि वाहनों के बहने का खतरा हो जाता है। ईएनसी ने डूबने वाले सभी पुलों के दोनों ओर अस्थाई बैरियर, रिफ्लेक्टर और साइन-बोर्ड की व्यवस्था तुरंत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बाढ़ पर पुलों को तुरंत बंद कर सकें। दोनों ओर यह बोर्ड भी लगाए जाएं कि ज्यादा बारिश की दशा में अगर पानी पुलों पर चल रहा है तो गाड़ी क्रास नहीं करें।

पीडब्लूडी भी बनाएगा बाढ़ नियंत्रण टीमें

शासन ने पीडब्लूडी को भी बाढ़ नियंत्रण टीमें बनाने के लिए कहा गया है, जो चौबीसों घंटे शिफ्ट पर काम करें। कार्यपालन अभियंताओं को जिले में गठित बाढ़ नियंत्रण टीमों के संपर्क में रहना होगा, ताकि ईई अपने अधीनस्थों के साथ तत्काल तत्परता से कार्यवाही कर सकें।

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