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रायपुर समेत 10 शहरों में महापौर-पार्षदों की कहानी अगले चुनाव तक खत्म… कलेक्टर बना दिए गए प्रशासक

रायपुर समेत 10 नगर निगमों का कार्यकाल इसी हफ्ते खत्म हो रहा है। इसका आशय यह है कि महापौर और पार्षदों समेत चुने हुए सभी पदाधिकारियों की कहानी अगले चुनाव तक के लिए खत्म होने जा रही है। महापौर और पार्षद कार्यकाल खत्म होने के साथ पदों पर बने नहीं रहेंगे, इसलिए नगर निगम को चलाने के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम (1956) की धारा 20 की उपधारा 5 में यह व्यवस्था की गई है कि अगले चुनाव तक नगर निगम को चलाने के लिए प्रशासक की नियुक्ति होगी। इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए राज्य शासन ने रायपुर समेत 10 नगर निगम में कलेक्टर को प्रशासक बनाकर बिठा दिया है। जैसे, रायपुर नगर निगम का कार्यकाल 5 जनवरी को खत्म हो रहा है यानी इस तारीख से महापौर और पार्षद नहीं रहेंगे। ऐसे में रायपुर निगम को चलाने के लिए कलेक्टर डा. गौरव कुमार सिंह 6 जनवरी को नगर निगम के प्रशासक का चार्ज ले लेंगे। जब तक महापौर और पार्षदों के चुनाव नहीं जाते, नई परिषद गठित नहीं होती, तब तक रायपुर नगर निगम को बतौर प्रशासक कलेक्टर ही चलाएंगे। प्रशासक बैठ जाएंगे तो नगर निगम चलता रहेगा और सरकार को चुनाव करवाने के लिए कोई हड़बड़ी नहीं रहेगी। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि फुर्सत से बैठिए, चुनाव में देरी भी हो सकती है।

राजनांदगांव नगर निगम का कार्यकाल 2 जनवरी यानी कल ही खत्म हो रहा है, इसलिए 3 जनवरी को कलेक्टर वहां के प्रशासक बन जाएंगे। यह प्रदेश का पहला निगम होगा, जहां प्रशासक बैठेगा। इसके अगले दिन यानी 3 जनवरी को बिलासपुर और जगदलपुर नगर निगम का कार्यकाल खत्म होगा। 5 जनवरी को रायपुर, दुर्ग, धमतरी, रायगढ़ और चिरमिरी नगर निगमों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 7 जनवरी को अंबिकापुर और 9 जनवरी को कोरबा नगर निगम का कार्यकाल खत्म होगा। यानी उस दिन से वहां महापौर और पार्षद नहीं रहेंगे। जिस निगम का जिस दिन कार्यकाल खत्म होगा, उसके अगले दिन संबंधित जिले के कलेक्टर वहां के प्रशासक का चार्ज ले लेंगे। इस आशय का नोटिफिकेशन 1 जनवरी की शाम नगरीय प्रशासन विभाग से जारी कर दिया गया है।

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