IAS दयानंद ने 7 राज्यों की बिजली समिति में बतौर अध्यक्ष कहा- छत्तीसगढ़ में सालभर में 1600 करोड़ प्रोजेक्ट पूरा होगा, इससे सभी को लाभ
छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनी के चेयरमैन आईएएस पी दयानंद देश की पश्चिमी क्षेत्र विद्युत समिति की बैठक में आनलाइन जुड़े। इस समिति में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश , गोवा , दमन और दीव, दादरा एवं नगर हवेली की बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण कंपनियां, एनटीपीसी, ग्रिड कारपोरेशन, इन राज्यों की निजी बिजली उत्पादक, पारेषण व ट्रेडिंग कंपनियां हैं। आईएएस दयानंद अप्रैल में इस समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। समिति की बैठक ऊटी में हुई, जिसमें व्यस्तता के कारण दयानंद आनलाइन जुड़े। उन्होंने सभी बिंदुओं पर समिति के साथ मंथन किया और कहा कि छत्तीसगढ़ में 1600 करोड़ रुपए की बिजली परियोजनाओं को अगले साल यानी 2025 में पूरा कर लिया जाएगा। इसका सभी राज्यों को काफी लाभ होगा। चेयरमैन दयानंद ने यह भी कहा कि एक्सेस बिजली अगर तुरंत सबसे ज्यादा जरूरत वाले राज्यों को भेजी जाएं, तो यह हाल में सबसे बेहतर विकल्प होगा।
पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की 50 वीं बैठक में पश्चिम क्षेत्र में सम्मिलित 7 राज्यों की पारेषण प्रणाली के संचालन, नए प्रोजेक्ट समेत कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। साथ ही, अलग-अलग राज्यों में चल रहे बिजली प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा हुई है। कुछ प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए कई फैसले भी लिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में इंटरस्टेट पारेषण प्रोजेक्ट के लगभग 1600 करोड़ रु. के कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ चेयरमैन दयानंद ने बताया कि सभी कार्य 2025 तक पूरे कर लिए जाएंगे। इसका लाभ छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को मिलेगा।
समिति की बैठक होती है हर तीन महीने में
देश के पश्चिम क्षेत्र में विद्युत प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। हर तीन माह में समिति की बैठक होती है। ऊटी में हुई बैठक में पारेषण लाइनें और सब स्टेशन, डेटा संचार के लिए समिति का गठन, इंटरस्टेट पावर एक्सचेंजसे संबंधित मुद्दों पर आपसी सहमति से निर्णय लिए गए। पिछले फैसलों पर कितना काम हुआ, इस पर भी मंथन किया गया। इसके पूर्व 23 अगस्त पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की तकनीकी समन्वय समिति की बैठक छत्तीसगढ़ ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी राजेश कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में हुई थी।
समन्वय से ही मांग-आपूर्ति का अंतर घटेगा
पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति के अध्यक्ष पी दयानंद ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सहित सातों राज्यों मेॅ विद्युत आपूर्ति की गुणवत्तापूर्ण में सुधार और समुचित उपलब्घता सुनिश्चित करने में अंतर-राज्यीय समन्वय की अति महत्वपूर्ण भूमिका है । अन्य राज्यों में तत्समय उपलब्ध अतिरिक्त बिजली को अधिक आवश्यकता वाले राज्यों में भेजना एक श्रेष्ठ समाधान है। यह बिजलीघरों की अत्यधिक लागत और स्थापना में लगने वाले समय के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। अंतर-राज्यीय समन्वय तथा सहयोग बढ़ाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।