गुड न्यूज… सड़कों पर इतना डामर कि घर नीचे होने लगे…पीडब्लूडी ने निकाला हल, रिंग रोड पर बड़ा प्रयोग
रिंग रोड के साथ यही प्रयोग विधानसभा रोड पर भी, इसके बाद शेष सड़कों पर
- पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह के मुताबिक प्रयोग रिंग रोड-2 और विधानसभा रोड पर किया जा रहा है। इस फार्मूले से सड़कों की ऊंचाई बढ़ने की समस्या खत्म हो जाएगी। इसे अन्य सड़कों पर भी लागू करेंगे।
राजधानी रायपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए यह बड़ी समस्या हो गई है कि सड़कों से काफी ऊपर बने घर या तो सड़क के लेवल पर आ गए हैं या नीचे होने लगे हैं। वजह ये है कि टूटी सड़कों की मरम्मत के लिए डामर की परतें हर साल चढ़ाई जा रही हैं, इससे सड़कें ऊंची होती जा रही हैं। इससे बचने के लिए छत्तीसगढ़ के पीडब्लूडी महकमे ने रिंग रोड-2 से बड़ा प्रयोग शुरू किया है। वहां की टूटी सड़कें खोदी जा रही हैं और उसी हाइट पर मरम्मत की जा रही है। खुदाई से जो मटेरियल निकल रहा है, उसे मौके पर ही डामर मिक्स में मिलाकर परत चढ़ाई जा रही है। इसके नतीजे मौके पर जाकर देख सकते हैं। सड़क भी मजबूत बन रही है, बंप भी नहीं हैं और ऊंचाई भी उतनी ही है, जितनी पहले थी।
आन द स्पाट… जितना समय डामर की लेयर चढ़ाने में, खोदकर बनाने में उतना ही
द स्तंभ ने रिंग रोड-2 पर कामकाज का मुआयना किया। पहले सड़क खोदना, फिर उस पर लेयर चढ़ाना मुश्किल है, लेकिन नए फार्मूले से इस काम में उतना ही वक्त लग रहा है, जितना किसी टूटी सड़क पर डामर की परत चढ़ाने में। मौके पर मौजूद इंजीनियरों ने बताया कि एक बड़ी मशीन सड़क खोदते हुए आगे बढती है और जो मटेरियल निकल रहा है, उसे वही मशीन साथ चल रहे डंपर में भर रही है। खुदाई में निकले इस मटेरियल को वहां डंप किया जा रहा है, जहां डामर-बजरी मिक्सर बन रहा है। खुदाई वाले मटेरियल को तुरंत क्लीन करके वहीं मिला दिया जा रहा है। इससे सड़क से ही खोदकर निकाला गया मटेरियल रीयूज हो रहा है। इंजीनियरों के मुताबिक इस मिक्सचर के उपयोग से चढ़ाई गई परत केवल डामर-बजरी के मिक्सर से ज्यादा मजबूत है। चूंकि सड़क खोदकर बन रही है, इसलिए बंप भी बिलकुल नहीं आ रहा है, जैसा वीआईपी रोड पर ड्राइविंग करते समय महसूस होता है।
रायपुर का हाल… मालवीय रोड पर दो फीट का डिवाइडर सिर्फ 6 इंच रह गया
डामर की परतें चढ़ा-चढ़ाकर राजधानी रायपुर के बड़े हिस्से में हालात ऐसे हो गए हैं कि 10 साल पहले जो मकान सड़क से डेढ़-दो फीट ऊपर थे, वह या तो सड़क के लेवल पर आ गए या कई जगह नीचे हो रहे हैं। गलियों में हालात और खराब हैं। जो लोग मालवीय रोड से रोज गुजरते हैं, उन्हें पता है कि डिवाइडर बना था, तब यह डेढ़ से दो फीट ऊंचा था। डामर की इतनी परतें चढ़ाई जा चुकी हैं कि इसकी हाइट 6 इंच या इससे भी कम हो गई है। घरों में बरसात का पानी घुसने की यह सबसे बड़ी वजह है। इंजीनियरों का मानना है कि अब पूरे रायपुर में टूटी सड़कों के ऊपर लेयर चढ़ाकर छुट्टी पाने के बजाय कोई ऐसा तरीका निकालना ही होगा कि पुरानी सड़कें उखाड़ें और तुरंत ही नई बनाते जाएं, ताकि उनकी हाइट न बढ़े।