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कांग्रेस सरकार में बैठे अजा आयोग के अध्यक्ष और तीनों सदस्य हटाए गए… कोर्ट से स्टे वैकेट, शासन से हटाने का आदेश भी जारी

भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में जुलाई 2021 को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग में जिन लोगों को अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया था, आखिरकार कोर्ट के आदेश के आधार पर मौजूदा सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है। भूपेश सरकार ने भानुप्रताप सिंह को अजा आयोग का अध्यक्ष तथा गणेश ध्रुव, अमृत टोप्पो और अर्चना पोर्ते को सदस्य नियुक्त किया था। सरकार बदलने के तुरंत बाद दिसंबर 2023 में चारों को सरकार ने आदिमजाति विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर पद से हटा दिया था। इस आदेश के खिलाफ अध्यक्ष और सभी सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने इसी साल 16 जनवरी को चारों को स्टे दिया था। इसके अगले ही दिन अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह तथा सदस्यों ने हाईकोर्ट के स्टे के आधार पर अपना कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने 29 जनवरी को स्टे वेकेट कर दिया। यही नहीं, इन्हें हटाने के लिए दिसंबर 2023 में जारी किए गए आदेश के बारे में कहा कि उसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है। इस तरह, हाईकोर्ट ने एक तरह से चारों को हटाने के सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। फैसले के अगले ही दिन, यानी गुरुवार को शासन की ओर से आदेश जारी कर अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह तथा सदस्यों गणेश ध्रुव, अमृत टोप्पो और अर्चना पोर्ते को हटाए जाने के आदेश को प्रभावशाली कर दिया गया है, यानी अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष समेत चारों पद खाली हो गए हैं।

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