माब लिंचिंगः एसआईटी ने शुरू की जांच, गृहमंत्री-डीजीपी से कड़े एक्शन की मांग
आरंग के पास महानदी पुल पर माब लिंचिंग में दो लोगों की हत्या और एक के गंभीर घायल होने के मामले में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने के बाद पुलिस के 14 अफसरों की एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। अस्पताल तथा फोरेंसिंक से दस्तावेज इकट्ठा किए गए हैं। महानदी पुल के दोनों ओर सीसीटीवी के लगभग एक हजार फुटेज की जांच चल रही है, जो वारदात के समय से दो-तीन घंटा पहले और बाद के हैं। दर्जनभर लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। एसआईटी ने मंगलवार को अस्पताल में इस वारदात में गंभीर घायल युवक का बयान लेने का प्रयास किया, लेकिन बताया गया कि युवक बयान देने की हालत में नहीं हैं। इस बीच, मुस्लिम समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को गृहमंत्री से मिलकर उन्हें कड़ी कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया था। इसके बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने इस प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में बुलाकर चर्चा की।
डीजीपी को मुस्लिम समुदाय ने वही ज्ञापन दिया, जो एक दिन पहले गृहमंत्री को दिया गया था। इस ज्ञापन में कहा गया है कि इस मुलाकात के दौरान डीजीपी ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में रायपुर आईजी-एसपी को बुलाकर जांच की समीक्षा करेंगे तथा आरोपियों की जल्द गिरफ़्तारी के निर्देश देंगे। ज्ञापन में कहा गया है कि 7 जून को रात करीब 3 बजे महानदी पुल के पास कथित गौरक्षकों ने ट्रक से जा रहे सहारनपुर के तीन युवकों चांद खान, गुड्डू खान, और सद्दाम खान को रोका तथा उनकी बुरी तरह पिटाई करते हुए कथित तौर पर पुल से नीचे फेंक दिया। इस वारदात में चांद खान और गुड्डू खान की मौके पर मौत हो गई और सद्दाम अब तक बुरी तरह घायल है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अकरम सिद्दीकी, नौमान अकरम, मोहम्मद ताहिर, हकीम रजा, आश मोहम्मद, वाशिद खान, जमील खान, जावेद भाई तथा भिलाई-दुर्ग से आए प्रतिनिधियों ने डीजीपी से आग्रह किया कि रायपुर एसएसपी ने विशेष दल से जांच की बात कही, लेकिन अब तक आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। दल ने कहा कि इस मामले में पुलिस की सही कार्रवाई से पूरे समाज का विश्वास बनेगा तथा असामाजिक तत्वों के हौसले परास्त होंगे।