बलौदाबाजार हिंसा में प्रशासन-पुलिस की नाकामी, कलेक्टर चौहान-एसएसपी सदानंद हटाए गए
दीपक सोनी होंगे नए कलेक्टर, विजय अग्रवाल को बनाया गया एसपी

बलौदाबाजार में सोमवार को हुए उपद्रव में जिला प्रशासन और पुलिस की नाकामी प्रथमदृष्टया उजागर हो गई है। सीएम विष्णुदेव साय ने दोपहर में कलेक्टर आईएएस कुमार लाल चौहान और एसएसपी आईपीएस सदानंद कुमार को तलब किया था और अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे। तभी से चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि शाम तक बड़ा उलटफेर संभव है। यह उलटफेर हुआ, जब शासन ने बलौदाबाजार कलेक्टर चौहान और एसएसपी सदानंद को हटा दिया। मंत्रालय में पदस्थ आईएएस दीपक सोनी को बलौदाबाजार कलेक्टर पदस्थ कर दिया गया है। इसी तरह, सरगुजा एसपी आईपीएस विजय अग्रवाल को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले का नया एसपी बनाया गया है।


गिरौधपुरी धाम के पास जैतखंभ के अपमान के मामले में सतनामी समाज में काफी आक्रोश था और समाज के लोग 15 मई से बलौदाबाजार में आंदोलन कर फर्जी आरोपियों को पकड़ने तथा असली को छोड़ने के आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे थे। समाज इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहा था। सूत्रों के अनुसार आंदोलनकारियों की ओर से 10 मई की रैली का अनुमति ली गई थी। सुबह से ही प्रदर्शनस्थल पर भीड़ लग रही थी। माना जा रहा है कि उग्र आंदोलन की आशंका भी थी, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बात तो यह भी आई है कि थोड़े तनाव के बाद बलौदाबाजार पुलिस ने रायपुर से लाठीचार्ज की अनुमति मांगी थी, लेकिन मना कर दिया गया। बहरहाल, इस नाकामी का ही नतीजा था कि उग्र भीड़ ने बलौदाबाजार कलेक्टर और एसपी समेत कई दफ्तरों में आग लगाई तथा तोड़फोड़ कर दी। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में इसी नाकामी को गंभीर मानते हुए कलेक्टर चौहान को हटाकर मंत्रालय में पदस्थ कर दिया गया, जबकि एसएसपी सदानंद पुलिस मुख्यालय में डीआईजी की पोस्टिंग दे दी गई। सरगुजा से आईपीएस विजय अग्रवाल को बलौदाबाजार एसपी बनाने के बाद वहां खाली हुए पद पर चौथी बटालियन के सेनानी योगेश पटेल को सरगुजा की कमान सौंपी गई है।
भूपेश सरकार शैली में आधी रात जारी हुए आदेश
बदौलाबाजार कलेक्टर और एसएसपी को हटाने तथा वहां नए कलेक्टर और एसपी की पदस्थापना के आदेश सोमवार रात पौने 12 बजे जारी किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में आधी रात को ट्रांसफर पोस्टिंग आदेश जारी करने का सिलसिला भूपेश बघेल सरकार ने शुरू किया था। हालांकि साय सरकार में अक्सर ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन इस बार आदेश आधी रात जारी करने से पुरानी परिपाटी फिर ताजा हो गई है।