पिछली सरकार में प्रभावशाली बिलासपुर के केके-कंचन श्रीवास्तव पर 10-10 हजार ईनाम घोषित… 15 करोड़ के फ्राड में तलाश
बिलासपुर में अच्छा-खासा रसूख रखने वाले केके श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव की गिरफ्तारी पर रायपुर पुलिस ने दस-दस हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया है। केके और कंचन के खिलाफ दिल्ली की एक फर्म के साथ 15 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में एफआईआर की गई थी। केस डायरी के मुताबिक श्रीवास्तव ने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान फर्म को छत्तीसगढ़ में ठेके दिलवाने का झांसा देते हुए उसी समय लेनदेन कर लिया था। श्रीवास्तव को पिछली सरकार में काफी प्रभावशाली माना जाता था, लेकिन वह फर्म को काम इसलिए नहीं दिलवा पाया कि सरकार चली गई। फर्म की रिपोर्ट पर ही पुलिस ने केके श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू की है। दोनों के बिलासपुर स्थित निवास तथा अन्य संपर्कों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। इस बीच, रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने दोनों की सूचना देने वालों अथवा गिरफ्तार करवाने वालों पर 10-10 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा कर दी है। दोनों की तस्वीरें देशभर की पुलिस को जारी कर दी गई हैं।
केके और कंचन के खिलाफ एफआईआर की गूंज पूरे सियासी हल्के में है। खासकर कांग्रेसियों के बीच यह काफी चर्चा का विषय रहा है। इन्हीं चर्चाओं में यह बात भी आई है कि केके ने ली गई रकम का कुछ पार्ट फर्म को लौटा दिया है, लेकिन उसकी लिखा-पढ़ी नहीं है। पिछली सरकार के कार्यकाल में केके किन वजहों से प्रभावशाली था, इसे लेकर भी दिलचस्प चर्चाओं का दौर है और दबी जुबान में कांग्रेसी यह भी बता रहे हैं कि तंत्र-मंत्र का कथित जानकार होने के कारण भी केके का उच्चस्तर तक प्रभाव था और कहते हैं कि पिछली सरकार में उसकी बात कटती नहीं थी। इन चर्चाओं का पुलिस केस से कोई लेना-देना नहीं है और पुलिस रकम लौटाए जाने की बातों से भी अनिभज्ञता जता रही है। अफसरों का कहना है कि जब तक केके की गिरफ्तारी और बयान नहीं हो जाते, तब तक यह मामला स्पष्ट नहीं हो सकता।