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चिरमिरी के वार्डों में घूमती बाघिन ने मारे दो मवेशी… सिटी और लगे गांवों में 6 दिन से अलर्ट… बाड़ी में इंजेक्शन मारकर बेहोश किया एक्सपर्ट्स ने

चिरमिरी टाउन की बस्तियों तथा आसपास के गांवों में पिछले 6 दिन में कई बार दिखकर दहशत फैला चुकी बाघिन को सोमवार को शाम 4 बजे वन विभाग के एक्सपर्ट्स ने चिरमिरी के 6 नंबर वार्ड में एक बाड़ी में बेहोशी के इंजेक्शन मारकर (ट्रिंक्विलाइज कर) बेहोश किया और कब्जे में ले लिया। बाड़ी में घुसी बाघिन घिर गई है, यह जानकर आसपास चिरमिरी के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। जब बाघिन को बेहोशी की हालत में वनकर्मी उठाकर बाहर आए, तो उसका साइज देखकर सभी हतप्रभ रह गए। वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि मौके पर मौजूद वेटनरी डाक्टरों ने बाघिन का इलाज किया और वह पूरी तरह सुरक्षित है। माना जा रहा है कि उसे भी एक-दो दिन बाद तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में छोड़ा जा सकता है। हालांकि वन विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

बाघिन की झलक सबसे पहले चिरमिरी के लोगों ने आउटर की गलियों में देखी थी। हालांकि उसका कोई स्पष्ट वीडियो नहीं बन सका। इसके दो दिन बाद वन विभाग के ट्रैप कैमरों ने बाघिन के वीडियो-तस्वीरें रिकार्ड कर ली थीं। उसका मूवमेंट चिरमिरी के आसपास ही था, इसलिए चिरमिरी बस्ती के अलावा दो दर्जन गांवों में लोगों को अलर्ट कर दिया गया था। इस बीच, बाघिन ने निगरानी के बावजूद दो मवेशियों का शिकार भी किया था। इसके बाद डीएफओ ने बाघिन के रेस्क्यू और सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के लिए पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) को चिट्ठी लिखकर ट्रैंकुलाईजेशन और परिवहन की अनुमति मांग ली थी।

गश्ती दल बाघिन के मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे।  वह आज नगर निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 15 से होती हुई वार्ड नंबर 6 गोलाई (बगनचा) की एक बाड़ी में घुस गई थी। इसके बाद गश्ती दल ने घेरा डाला था। सरगुजा के सीएफ (वाइल्ड लाइफ) केआर बढ़ई के मुताबिक इस बाघिन को रेस्क्यू करने के लिए तुरंत कानन पेंडारी (बिलासपुर) से एक्सपर्ट डॉ. पीके चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर से डॉ. अजीत पांडेय व जंगल सफारी रायपुर से डॉ. वर्मा को बुलाया गया। उनकी निगरानी में सोमवार को शाम 4 बजे बाघिन को इंजेक्शन मारकर बेहोश कर दिया गया। जब बाघिन पूरी तरह अचेत हो गई, तब उसे बाड़ी से बाहर लाकर ग्रीन नेट से ढंक दिया गया। फिर इसे पिंजरे में डालकर ट्रक से ले जाया गया। वन अफसरों ने बताया कि रायपुर वन मुख्यालय  से निर्देश मिलने पर बाघिन को किसी टाइगर रिजर्व छोड़ा जाएगा।

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