छत्तीसगढ़ में फंसे दो बांग्लादेशी चोर… वहां से 20 साल में 10 बार आए, चोरी करके वापस… उनसे माल खरीदने वाले बंगाल के दो और अंदर

बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की छत्तीसगढ़ आकर रहने की बातें तो अक्सर सामने आती हैं, लेकिन इस बार अनोखा मामला सामने आया है। महासमुंद पुलिस ने बांग्लादेश के दो चोरों को पकड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है। दोनों के पास फर्जी आधार और पैन कार्ड मिले हैं। अब तक हुई जांच में खुलासा हुआ है कि मिलन मंडल और बाबू शेख नाम के ये दोनों बांग्लादेशी 2003 से अब तक 10 बार छत्तीसगढ़ में सिर्फ चोरी करने आए। वारदात के बाद यहीं माल खपाया और फिर लौट गए। इन दोनों के साथ चोरी का माल खरीदने और खपाने के आरोप में पश्चिम बंगाल के दो लोगों सोनार जयदेव करमाकर और अफसर मंडल को भी पकड़ा गया है। अफसर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर बताया जा रहा है और दोनों बांग्लादेशी चोरों के आधार-पैन तथा दस्तावेजों का इंतजाम करने का आरोप इसी के ऊपर है। दोनों बांग्लादेशी चोरों ने महासमुंद के सांकरा, बसना और सरायपाली में चोरी की 9 बड़ी वारदातें कबूल की हैं। इनसे हीरा, सोना और चांदी के जेवर मिलाकर 60 लाख रुपए सेे ज्यादा का माल फिलहाल पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस ने मिलन और बाबू के खिलाफ चोरी के अलावा फारेनर एक्ट-1946 (विदेशी विषयक अधिनियम) की धारा 14 और 14-ए का मामला रजिस्टर किया गया है। यह कार्रवाई भी अरसे बाद की गई है। बांग्लादेशी मिलन मंडल के बारे में पूछताछ में यह बात आई थी कि एक बार रायगढ़ में भी चोरी में पकड़ा गया था। कुछ माह जेल में रहने के बाद जमानत करवाकर बांग्लादेश भाग निकला था। महासमुंद पुलिस को इनपुट मिला था कि चोरी के दो संदेही महासमुंद की किसी सुपर लाज में रुके हुए हैं। वहां छापा मारकर मिलन और बाबू को पकड़ा गया, तब खुलासा हुआ कि दोनों के पास भारतीय दस्तावेज फर्जी हैं। दोनों ही बांग्लादेश में रंगपुर राज्य के दक्षिण दिनाजपुर के रहनेवाले हैं और यहां वारदात कर लौट जाते हैं। इस मामले में महासमुंद पुलिस और इन्वेस्टिगेशन कर रही है।