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प्रमोद दुबे ने पत्नी दीप्ति की मेयर टिकट के बाद बैरनबाजार छोड़ा, एजाज ढेबर वहीं से उम्मीदवार… इसी वार्ड ने पिछले चुनाव में दिया था निगम का सभापति

राजधानी रायपुर में पांच साल महापौर रहने के बाद प्रमोद दुबे ने पिछला नगर निगम चुनाव बैरनबाजार वार्ड से लड़ा था। पार्षद चुनाव जीतने के बाद वे महापौर की रेस में भी थे, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह एजाज ढेबर को महापौर चुना। प्रमोद को नगर निगम का अध्यक्ष (सभापति) बनाया गया और वे पांच साल इसी पद पर रहे। इस बार कांग्रेस ने उनकी पत्नी दीप्ति दुबे को महापौर का टिकट दिया है। पत्नी के लिए चुनावी तैयारी में जुटे प्रमोद ने बैरनबाजार से दोबारा पार्षद चुनाव लड़ने का इरादा छोड़ा और पूर्व महापौर एजाज ढेबर ने यहां जनसंपर्क शुरू कर दिया। ढेबर को टिकट भी मिल गया, इस तरह बैरनबाजार शहर के इतिहास का संभवतः पहला वार्ड बन गया है, जहां से लगातार दूसरी बार पार्षद का चुनाव पूर्व महापौर लड़ने जा रहे हैं। प्रमोद यहां से पिछला चुनाव अच्छे-खासे वोटों से जीतकर आए थे। कांग्रेसियों के मुताबिक यह संभव है कि ढेबर भी उसी परंपरा को दोहराने के लिए चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन इसके लिए प्रमोद की तरह उनका जीतना भी जरूरी होगा।

बैरनबाजार यानी भगवतीचरण शुक्ल वार्ड शहर के बीचोबीच है। राजधानी रायपुर में पुराने छात्रनेताओं की कर्मभूमि दुर्गा कालेज और छत्तीसगढ़ कालेज को माना जाता रहा है। छत्तीसगढ़ कालेज इसी वार्ड में है और पिछले दो-तीन चुनाव से यहां से चुनाव लड़कर जीतने वाले नेताओं की शुरुआत छात्र राजनीति से ही रही है। बैरनबाजार वार्ड की जनता पार्षद को क्लीयर-कट चुनती है, यानी कड़े मुकाबले के बजाय यहां अक्सर जीतने वाले का वोट मार्जिन ज्यादा ही रहा है। सोशल इंजीनियरिंग के मामले में भी यह वार्ड बैलेंस है। दो पूर्व महापौरों का यहां से चुनाव लड़ना इत्तेफाक है, लेकिन ऐसा इत्तेफाक किसी और वार्ड में नहीं देखा गया है। एक और बड़े इत्तेफाक की जमीन तैयार हो रही है। ढेबर जिस बैजनाथपारा वार्ड के पूर्व पार्षद रहे, वहां से उनकी पत्नी को भी टिकट देने की चर्चा चल रही है। दो-तीन घंटे में यह भी क्लीयर हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ, तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद ढेबर दंपत्ति पहले होंगे, जो एक ही समय में पार्षद चुनाव एक साथ लड़ेंगे।

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