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राजधानी में खो गई थीं पुलिस की लाठियां… अफसर अब शाम को इन्हीं के साथ फील्ड पर दिखेंगे… आईजी अमरेश, नए एसएसपी डा. लाल उमेद का विजिबल पुलिसिंग पर फोकस

राजधानी समेत रायपुर में अब नजर आने वाली पुलिसिंग (विजिबल पुलिसिंग) बड़ा फोकस एरिया होगा। शाम से रात तक सभी पुलिस अफसर फील्ड पर नजर आएंगे, वह भी डंडे के साथ। भले ही अब तक लाठीचार्ज जैसे शब्द चल रहे हैं, लेकिन मानवाधिकार और क्रिमिनल्स के सुधार के लिए होने वाले नवाचारों ने सबसे पहले लाठी को निगला और उनकी जगह केन ने ले ली। दो दशक पहले अगर किसी को धोखे से पुलिस की लाठी लग जाती थी, तो वह तीन-चार साल तक बताता था कि बारिश या ज्यादा ठंड में उसी जगह दर्द होता है, जहां डंडा पड़ा था। अब पुलिस के पास केन है, जो नशेड़ी क्रिमिनल्स के लिए मजाक से कम नहीं है। आईजी अमरेश मिश्रा और नए एसएसपी डा. लालउमेद सिंह ने मंगलवार को आधी रात पुलिस अफसरों की बैठक में सभी अफसरों और थानेदारों से कहा है कि वे शाम को अपने इलाकों में लाठी (केन) के साथ फील्ड पर नजर आएं और अपने एरिया में फोर्स लेकर गश्त भी लगाएं। माना जा रहा है कि इस दफा कुछ पुलिसवाले उन लाठियों के साथ नजर आ सकते हैं, जिनके बारे में पहले के जमाने में कहा जाता था- टीआई घर जाता है, तो डंडे में तेल पिलाता है। इसीलिए वह चमकता है, और जोर से लगता भी है। अब तो कोई क्रिमिनल ये कहता नजर नहीं आता कि पुलिस का प्लास्टिक का केन या बेंत जोर से लगा है।
बहरहाल, आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी डा. लाल उमेद ने शनिवार को आधी रात तक चली बैठक में यह निर्देश भी दिए कि नशा और साइबर अपराधों के साथ-साथ माइक्रो फाइनेंस कंपनियां यानी चिटफंड फ्राड पर भी ताकत लगानी है और आरोपियों को जेल तक पहुंचाना है। बैठक सिविल लाइंस के हाल में हुई थी। इस दौरान आईजी अमरेश ने एक से लंबित मामलों पर थानेदारों की खबर ली। उनसे कहा कि इन्हें तुरंत जीरो करना होगा। साइबर फ्राड की सूचना पर तुरंत एफआईआर के साथ-साथ चिटफंड घोटाले वाली माइक्रो फायनेंस कंपनियों के खिलाफ पर तुरंत एक्शन लेने के निर्देश दिए। नशे में बैकवर्ड-फारवर्ड लिंक को अनिवार्य कर दिया। घुमंतु/विक्षिप्त प्रवृत्ति के लोगों को माननीय न्यायालय के आदेषानुसार सुधार गृह में भेजने कहा गया।
नवपदस्थ एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बेसिक विजिबल पुलिसिंग पर जोर दिया। उन्होंने थानेदारों का थोड़ा काम भी बढ़ाया और कहा कि शाम को सभी अफसर अपने-अपने इलाके में फील्ड पर नजर आएं। थानेदार खुद थाने में गिनती करें। रात में गश्त पार्टी रवाना करते समय थाने में मौजूद रहें। थानेदारों तथा अफसरों को सरकारी मोबाइल नंबर को एक्टिव रखकर इसी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया। डा. लाल उमेद ने कहा कि सभी थानेदार शाम को अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा फोर्स के साथ भ्रमण पर निकलें तथा सबके पास डण्डा/केन होना जरूरी है।
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