ईडी के अनवर ढेबर की संपत्ति की खोज में छापे… रायपुर व गरियाबंद में मेमन परिवारों को घेरा… बड़े फर्जी बिल की तलाश

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को सुबह रायपुर के रफीक मेमन और और गरियाबंद के इकबाल-गुलाम मेमन पर छापे मारे हैं। गरियाबंद में ईडी की बड़ी टीम ने डेरा डाला है। सूत्रों के मुताबिक ईडी अब अनवर ढेबर की संपत्ति और इन्वेस्टमेंट की खोज में लगी है। इस जांच-पड़ताल में ईडी को बड़े फिगर वाले कुछ बिल मिले हैं। इनके बारे में ईडी को जानकारी मिली है कि ये बोगस बिल हैं, जिनके जरिए इन्वेस्टमेंट शो किया गया है। इन्हीं का पता लगाने के लिए ईडी ने मौदहापारा के रफीक मेमन के निवास पर छापा मारकर जांच शुरू की है। गरियाबंद के इकबाल मेमन और गुलाम मेमन को अनवर ढेबर का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इन लोगों ने डेढ़ साल पहले राइस मिल खरीदी थी। इसके बारे में ग्रामीणों ने सीधे ईडी से शिकायत की थी। इसके अलावा गरियाबंद और आसपास ईडी को बड़े पैमाने पर संपत्ति खरीदे जाने के दस्तावेज मिल रहे हैं। प्रारंभिक जांच के बाद ईडी को अंदेशा है कि यह पूरा इन्वेस्टमेंट बेनामी है, जिसके लिए फंड रायपुर से पहुंचा है।
दरअसल शराब स्कैम में ईडी ने आरोपियों की सैकड़ों करोड़ रुपए की प्रापर्टी सीज कर रखी है। इस केस में फाइनल इन्वेस्टिगेशन चल रही है। ईडी अब सीज की गई इस प्रापर्टी का मालिकाना हक स्थापित कर रही है, ताकि इसे घोटाले से कमाई गई रकम का इन्वेस्टमेंट प्रूफ किया जा सके। इसीलिए पिछले कुछ दिन से लगातार ऐसे लोगों के यहां छापे पड़ रहे हैं, जो अनवर ढेबर से कनेक्टेड हैं और अचानक प्रापर्टी में इन्वेस्टमेंट कर रखा है। बुधवार के छापे भी कमाई गई रकम इन्वेस्ट करने की जानकारियों पर ही मारे गए हैं। यह प्रयास इसलिए चल रहे हैं, ताकि जो प्रापर्टी सीज की गई है, उसे घोटाले से संबंधित प्रापर्टी साबित किया जाए ताकि उन्हें कभी भी मुक्त नहीं करवाया जा सके।