हमारे 44 फीसदी घने जंगलों से देश को ऑक्सीजन… काजू जैसा प्रोटीन का भंडार भी इन्हीं वनों से… सीएम साय-स्पीकर डॉ रमन वानिकी दिवस संगोष्ठी में

विश्व वानिकी दिवस पर शुक्रवार को विधानसभा समिति कक्ष में हुई संगोष्ठी से यह बात निकलकर आई कि छत्तीसगढ़ में कुल क्षेत्रफल के 44 फीसदी जंगल न सिर्फ प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए ऑक्सीजन का बड़ा स्रोत बने हुए हैं। फॉरेस्ट्स एण्ड फूड्स थीम पर आधारित विश्व वानिकी दिवस पर संगोष्ठी में बताया गया कि हमारे वन ऑक्सीजन ही नहीं बल्कि भरपूर पोषण और रोजगार भी दे रहे हैं। संगोष्ठी में सीएम विष्णुदेव साय, स्पीकर डॉ रमन सिंह, वनमंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ की वन संपदा के सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। संगोष्ठी में डिप्टी सीएम अरुण साव और वन बल प्रमुख आईएफएस वी श्रीनिवास राव भी उपस्थित थे।
संगोष्ठी में सीएम विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे वान केवल ऑक्सीजन ही नहीं, बल्कि पोषण, रोजगार और संस्कृति का भी स्रोत हैं। सीएम साय ने ‘वाइल्ड एडिबल प्लांट्स इन छत्तीसगढ़ स्टेट’ पुस्तक का विमोचन किया तथा पुदीना-मिंट फ्लेवर के बस्तर काजू प्रोडक्ट को लॉन्च भी किया। सीएम साय ने बताया कि बस्तर की इमली, जशपुर का महुआ, चिरौंजी, हर्रा-बहेड़ा जैसे सैकड़ों लघु वनोत्पाद छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के वन विश्व के सबसे सुंदर वनों में गिने जाते हैं। साल और सागौन के वृक्ष यहां की प्राकृतिक शोभा हैं। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों का पूरा जीवन वनों पर आधारित है। उनका जीवनस्तर ऊँचा उठाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, और इसका सबसे कारगर उपाय वन क्षेत्र का विस्तार है।