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बांगलादेशी-रोहिंग्या और बाहरी की तलाश में रायपुर में तड़के ताबड़तोड़ छापेमारी… एसएसपी की मौजूदगी में 2 हजार लोग राउंडअप… ढाई सौ पर प्रतिबंधात्मक एक्शन, दो सौ मोबाइल डीएक्टीवेट

राजधानी रायपुर के तकरीबन 400 पुलिस अफसरों-कर्मचारियों ने गुरुवार को तड़के 3 बजे से शहर में बांगलादेशी, रोहिंग्या, दूसरे राज्यों से आकर रहनेवाले तथा घुमंतू संदिग्धों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए 2 हजार से ज्यादा लोगों को राउंडअप कर लिया है। छापेमारी चिन्हित स्लम्स और बड़े कंस्ट्रक्शन साइट्स की बस्तियों पर की गई, साथ ही शहर के बाहरी घुमंतू संदिग्धों को भी उनके दस्तावेजों के साथ थाने लाया गया। छापे आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देश पर मारे गए, जिसका नेतृत्व एसएसपी डा. लालउमेद सिंह ने किया। सभी के आधार तथा अन्य निवास संबंधी दस्तावेज की कापी थानों में रखवाई गई है। लगभग 200 ऐसे लोग मिले, जो फर्जी नंबरों से मोबाइल चला रहे थे। उनके नंबर डीएक्टीवेट करवा दिए गए। सभी को देर शाम तक थाने से छोड़ दिया गया, लेकिन 50 से ज्यादा संदिग्ध लोगों की तफ्तीश चल रही है। जिन्हें छोड़ा गया, उनमें से भी कुछ पर निगरानी रखी जाएगी। एसएसपी डा. लालउमेद सिंह ने बताया कि राजधानी में क्राइम कंट्रोल तथा अन्य शिकायतों को मद्देनजर बाहरी लोगों की गतिविधियों की रोकथाम के लिए बड़ा आपरेशन किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ संदिग्ध मिले हैं, लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता कि वे अन्य देशों के हैं अथवा गलत आईडी से रायपुर में निवास कर रहे हैं। एक-दो दिन गहराई से छानबीन करने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
एसएसपी डॉ. लालउमेद सिंह बताया कि इस कार्रवाई के लिए पिछले 10 दिन से कोतवाली, सिविल लाईन, आजाद चौक, पुरानी बस्ती एवं उरला सीएसपी के आधीन आने वाले थाना क्षेत्रों में जांच चल रही थी। इस आधार पर छापेमारी के लिए दो दर्जन से ज्यादा जगह चिन्हित की गईं। बुधवार रात रायपुर के सभी एएसपी तथा क्राइम ब्रांच को मिलाकर दो दर्जन से ज्यादा टीमें बनाई गईं। टीमों ने रात 3 बजे से छापेमारी शुरू की तो बस्तियों में हड़कम्प मच गया। लोगों को उनके दस्तावेजों के साथ थाने लाया गया। इस दौरान पश्चिम बंगाल के 394, उत्तर-प्रदेश के 571, बिहार के 320, ओडिसा के 184, महाराष्ट्र के 110, मध्य-प्रदेश के 273, राजस्थान के 54, जम्मू-कश्मीर के 04, झारखण्ड के 71, नागालैण्ड के 01, गुजरात के 17, नेपाल के 07 एवं दिल्ली के 07 निवासियों सहित कुल 2013 लोग मिले, जिन्हें पुलिस लाइन में इकट्ठा किया गया। पुलिस की साइबर टीमें तथा चिप्स के एक्सपर्ट ने एप और बायोमैट्रिक के जरिए इनके दस्तावेजों का वेरीफिकेशन किया गया। अफसरों ने बताया कि पुलिस लाइन लाए गए तकरीबन 1800 लोगों ने संबंधित थानों को यहां आकर काम करने की जानकारी ही नहीं दी थी। कुछ ऐसे लोग मिले, जिनका पता तथा वास्तविक निवास अलग पाया गया। इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। एसएसपी ने बताया कि रायपुर पुलिस ऑपरेशन समाधान को लगातार चलाती रहेगी।