शासन

घर में मिट्ठू पाल रहे हों, या पालना चाहते हैं तो सोच लीजिए…आ सकती है मुसीबत

छत्तीसगढ़ में शहरों से लेकर गांवों तक बड़ी आबादी घर में तोते यानी मिट्ठू पालने की शौकीन है। बाजार में बहुत अच्छे-अच्छे पिंजरे भी मिलते हैं, ताकि मिट्ठू आराम से रह पाएं। लेकिन अब तोता पालना बड़ी मुसीबत भी ला सकता है। दरअसल तोता वन्य जीवों की श्रेणी में है और छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने तोता पालने पर कार्रवाई का फैसला कर लिया है। इसकी शुरुआत हुई है बिलासपुर से। वहां के वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) ने निर्देश दिए हैं कि तोता तथा इसी तरह के अन्य पक्षियों की बिक्री और उसे पालने के लिए पिंजरे में कैद करना अपराध की श्रेणी में है। डीएफओ ने ऐसे तमाम लोगों को 7 दिन के भीतर अपने घर पले तोते पिंजरे से निकालकर कानन पेंडारी जू को सौंपने का अल्टीमेटम दे दिया है। इस मामले में मदद चाहिए हो तो वन विभाग ने टोल फ्री नंबर 1800233700 भी जारी किया है। सात दिन बाद बिलासपुर में वन विभाग की टीमें सभी मोहल्लों में जाकर पड़ताल करेंगी कि किसी के यहां तोता तो नहीं पाला जा रहा है। उस घर की जांच में अगर तोता मिला, तो उसे तो जब्त किया ही जाएगा, संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का केस दर्ज कर लिया जाएगा। आपको बता दें कि वन्य जीवों के संरक्षण के ज्यादातर कानून ऐसे हैं, जिनमें गिरफ्तारी हो गई तो जमानत मुश्किल से मिलती है।

दरअसल छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने आदेश जारी कर कहा है कि तोता या दूसरे पक्षी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत अनुसूची में शामिल हैं और उनकी खरीदी-बिक्री तथा उन्हें पालना कानूनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। आदेश में कहा गया है कि पूरे प्रदेश में ऐसे सभी पक्षी तो अनुसूची में दर्ज हैं और पाले जा रहे हैं, उन सभी पक्षियों को वन विभाग अपने अधीन ले। इसी के अनुपालन में बिलासपुर डीएफओ ने सबसे पहले सात दिन की डेडलाइन जारी की है। चूंकि पीसीसीएफ का आदेश राज्यभर के लिए है, इसलिए यह कार्रवाई देरसवेर रायपुर समेत हर जिले में होनी है। बिलासपुर में कानन पेंडारी चिड़ियाघर ने घरों से लाकर जमा कराए गए तोतों या अन्य पक्षियों के बारे में पूरा सिस्टम बना लिया है। जमा किए गए तोतों को सबसे पहले ऐसे बेहद बड़े पिंजरे में रखकर देखा जाएगा कि वे कितना उड़ पा रहे हैं। अच्छी उड़ान भरने वाले तोते या पक्षी तुरंत आजाद कर दिए जाएंगे। जो कमजोर होंगे, पर कटे हुए होंगे या उड़ने में दिक्कत होगी, उन्हें कुछ दिन रखकर इलाज किया जाएगा। जब वे अच्छी उड़ान भरने लगेंगे, तब उन्हें भी आजाद कर दिया जाएगा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button