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प्रापर्टी खरीद रहे हैं तो सावधान… रेरा ने 412 बिल्डरों को दिया नोटिस… यह स्पष्ट नहीं कि इनसे प्रापर्टी लेना कितना रिस्की ?

त्योहार के इस समय में हर समर्थ व्यक्ति की रुचि प्रापर्टी खरीदने में होती है, बड़ा वर्ग इसी सीजन में नए घर में प्रवेश की कोशिश करता है, यानी यह रीयल एस्टेट के बिजनेस, खासकर बिल्डरों के लिए साल का बड़ा सीजन है। ठीक इसी समय छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने 412 बिल्डर्स को नोटिस थमा दी है। रीयल एस्टेट का कारोबार रायपुर में सबसे ज्यादा रहता है और नोटिस यहीं के सर्वाधिक बिल्डरों को दी गई है। इस बिल्डर्स से कहा गया है कि उन्होंने रेरा के अधिनियमों का पालन करने में चूक की है, जिसे 15 दिन में सुधारना है। यानी जब तक बिल्डर चूक सुधारेंगे, त्योहारी सीजन निकल जाएगा। इससे शहर सशंकित है, क्योंकि जिन बिल्डरों को चूक काीा वजह से नोटिस दिया गया है, क्या उनकी प्रापर्टी भी चूक के दायरे में आकर संदिग्ध हो चुकी है? अपनी पूरी कमाई लगाकर प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने वालों के सामने यह बड़ा सवाल है कि ऐसे बिल्डरों से प्रापर्टी खरीदी तो आगे फंस तो नहीं जाएंगे।

रेरा ने जिन बिल्डरों को नोटिस दिया है, द स्तंभ के पास उनकी सूची है। इनमें से ज्यादातर धड़ाधड़ फ्लैट बुक कर रहे हैं। राजधानी में इस समय रीयल एस्टेट में मेलों सी रौनक है। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि कारपोरेट घराने इन मेलों में आने वाले खर्च के बदले में फ्लैट-मकान से बार्टर कर रहे हैं। अगर प्रापर्टी में गड़बड़ी हो तो इससे कारपोरेट को फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि नोटिस पाने वाले बिल्डरों के चूक सुधारने तक वे आराम से इंतजार कर सकते हैं। बड़े इन्वेस्टर्स को भी ऐसे नोटिसों से बेचैनी नहीं है। लेकिन जो लोग जीवनभर की कमाई इसलिए लगा रहे हैं कि त्योहार में अपने घर में शिफ्ट होंगे, वे एक दिन की भी देरी का प्रापर्टी में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त कर पाने की स्थिति में नहीं रहते। ऐसे में जिन बिल्डरों को नोटिस दिए गए हैं, रेरा के लिए यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि उनकी प्रापर्टी लोग खरीदें या नहीं।

बिल्डरों को इन कारणों से नोटिस… संक्षेप में

  1. संबंधित बिल्डर्स द्वारा समय पर त्रैमासिक रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट, प्रस्तुत नहीं किया गया है।
  2. कुछ प्रोजेक्ट्स निर्धारित समयावधि के बाद भी पूर्ण नहीं हुए है ऐसे बिल्डरों को भी नोटिस दिया गया है।
  3. प्रोजेक्ट अपूर्ण होने का कारण बताना होगा और विस्तार से इसके लिए आवेदन भी रेरा में प्रस्तुत करना है।
  4. इस तरह की तमाम जानकारियां 15 दिन के भीतर ऑनलाइन अपडेट करने का निर्देश जारी किया गया है।
  5. 15 दिन में निर्देशों का पालन नहीं करने पर रेरा द्वारा संबंधित बिल्डर्स/प्रमोटर पर केस दर्ज किया जाएगा।
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