पूर्व सीएम भूपेश का सवाल… सोसाइटी कर्मी जिन मांगों के लिए हड़ताल पर, भाजपा ने 2021 में उन्हें पूरा करने मुझे चिट्ठी लिखी थी… अब कुर्सी पर हैं, क्यों नहीं मानते ?
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने धान खरीदी करने वाली सहकारी सोसाइटियों के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए लिखी एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी में कहा गया था कि इन कर्मचारियों की सूखत की मांग पूरी की जाए तथा इनका संविलियन भी किया जाए। यही कर्मचारी इन दो मांगों के लिए 4 नवंबर से हड़ताल पर हैं। भाजपा को उस चिट्ठी को याद करते हुए इनकी मांग तुरंत पूरी करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। भूपेश ने आशंका जताई कि धान खरीदी में रोड़े अटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन में हुई प्रेस कांफ्रेंस में भूपेश बघेल के साथ पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे और संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला समेत विधायक-नेता मौजूद थे। भूपेश ने मीडिया को बताया कि छत्तीसगढ़ में तीन दिन बाद, 14 नवंबर से धान खरीदी शुरु होने वाली है, लेकिन खरीदी करने वाली 2,058 सहकारी सोसाइटियों के 13 हजार कर्मचारी 4 नवंबर से हड़ताल पर बैठे हैं। सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने मांगे रखी हैं कि एमपी की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी प्रत्येक समितियों को तीन-तीन लाख रुपए का अनुदान दे। दूसरी मांग यह है कि पुनरीक्षित वेतनमान दिया जाए तथा तीसरा यह कि सूखत का प्रावधान करते हुए प्रति क्विंटल 500 ग्राम की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया जाए। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा के कमीशन की राशि समितियों को दी जाए। भूपेश ने कहा कि ये कर्मचारी 2021 में इनमें से दो मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। तब मैं मुख्यमंत्री था। उस वक्त भाजपा की ओर से मुझे एक चिट्ठी भेजी गई थी। इस चिट्ठी में भाजपा और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया था। यह भी कहा था कि भूपेश सरकार कर्मचारियों की मांगों के अनुरूप सूखत का प्रावधान करे और कर्मचारियों के संविलियन भी किया जाए। पूर्व सीएम भूपेश ने कहा कि भाजपा उस वक्त विपक्ष में थी और अब सरकार में है। जिन दो मांगों के समर्थन में भाजपा ने मुझे चिट्ठी लिखी थी, अब सरकार में रहने के नाते उन्हें इन मांगों को तुरंत पूरा करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि दरअसल प्रदेश सरकार धान नहीं खरीदने का षडयंत्र कर रही है और चाहती है कि किसानों से कम से कम धान खरीदा जाए। भूपेश बघेल ने चेतावनी दी कि अगर धान खरीदी कम हुई और किसानों से अन्याय किया गया, तो कांग्रेस किसानों के समर्थन में आंदोलन छेड़ देगी।