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पीएम मोदी रायपुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह की करेंगे शुरुआत… सीएम साय-केंद्रीय मंत्री मांडविया जशपुर में 13 को करेंगे 7 किमी पदयात्रा

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में इस साल छत्तीसगढ़ में 14 और 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन की तैयारी है। रायपुर के साइंस कालेज मैदान पर 15 नवंबर को होने वाले इस समारोह का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम मोदी जमुई (बिहार) से इस समारोह से वर्चुअली जुड़ेंगे और शुभारंभ के साथ-साथ पीएम जनमन योजना में शामिल छत्तीसगढ़ के हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे। सीएम साय की पहल पर गौरव दिवस का यह समारोह रायपुर में दो दिन तथा राज्य के सभी जिलों में एक दिन का होगा। इससे पहले, 13 नवंबर को केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर माई भारत यूथ वालंटियर्स के साथ पदयात्रा करेंगे। इस पदयात्रा में सीएम विष्णुदेव साय और उनके मंत्री भी रहेंगे। पदयात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होगी और लगभग 7 किमी की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी। इसमें 10,000 से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भाग लेंगे।

बता दें कि भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती ’जनजातीय गौरव दिवस’ पर दो दिन का राज्यस्तरीय समारोह आयोजित किया जा रहा है। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है। दोनों ही दिन पूर्वान्ह 11 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक जनजातीय गौरव पर आधारित विविध कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इनमें  विषय विशेषज्ञों सहित कई राज्यों के आदिवासी कलाकार, आदिवासी कला संस्कृति के मर्मज्ञ शामिल होंगे। इसे यादगार बनाने के लिए प्रदेश के आदिम जाति कल्याण विभाग ने विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों एवं कलाकारों को बुलवाया है। विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि अब तक 18 राज्यों के 22 आदिवासी नर्तक दलों ने सहमति दे दी है। इनमें अरुणांचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के नर्तक दल शामिल हैं। इनमें पुरूष एवं महिला कलाकारों की संख्या लगभग 425 है। उन्होंने बताया कि दोनों ही दिन दोपहर 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति शुरू होगी। जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी की जाएगी तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन भी होगा।

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