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राजधानी सरकारः जो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुए थे, इस बार नहीं होंगे… ओबीसी-अनारक्षित में लाटरी… एससी-एसटी में भी चेंज नहीं, समझिए सूची से

अगर आपको नगर निगम या पार्षद चुनाव में किसी तरह की रुचि है, तो तैयारी शुरू कर दीजिए। वजह ये है कि 15 से 20 दिसंबर के बीच यानी 15 दिन के भीतर चुनावों की घोषणा हो जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह और राजधानी के हिसाब से यहां के कलेक्टर तथा निर्वाचन अफसर डा. गौरव कुमार सिंह गुरुवार को सारे अमले की बैठक ले चुके हैं, जो इस बात का इशारा है कि प्रशासन तैयार हो गया। राजधानी रायपुर के 70 वार्डों में पिछले चुनाव में 30 आरक्षित थे और इस बार इसी में कुछ कमी-बेशी होगी। पर कुछ बातें क्लरीयर हैं। पहला, पिछले चुनाव में जो 24 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित थे, इस बार किसी भी स्थिति में उनका महिला आरक्षण नहीं होगा, इतने ही अन्य वार्डों का होगा यह रोस्टर नियम अनारक्षित, ओबीसी, एससी और एसटी, हर तरह के वार्डों में लागू होगा। अर्थात जो वार्ड पिछले चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षित थे, इस बार वहां से पुरुष उम्मीदवार के लिए बेझिझक तैयारी शुरू करवाई जा सकती है। दूसरा मामला ये है कि एससी के 9 और एसटी के 3 वार्डों के लिए आरक्षण का आधार आबादी है, इसलिए इनके रिजर्वेशन में किसी तरह का चेंज नहीं होगा। बदलाव सिर्फ यही होगा कि इनमें भी जो वार्ड पिछले चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षित थे, इस बार वहां से पुरुष भी लड़ सकेंगे। यह भी समझ लीजिए कि महिलाओं के लिए आरक्षित वार्डों में केवल महिलाएं लड़ सकती हैं, पुरुष नहीं। जबकि अनारक्षित वार्डों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी चुनाव लड़ सकती हैं।

जो सबसे बड़ा बदलाव होना है, वह अनारक्षित और ओबीसी वर्ग में होगा। यही एक सिस्टम है, जो पूरी तरह लाटरी से होगा। पिछले चुनाव में 70 में से एससी-एसटी के 12 वार्डों को छोड़ दिया जाए, तो बचे हुए 58 वार्ड ओबीसी वर्ग को जाएंगे या अनारक्षित रहेंगे, इसका फैसला लाटरी से होगा। केवल यही ऐसा मामला है, जिसमें कोई नियम लागू नहीं है। बात लाटरी पर निर्भर है, इसलिए यह दावे से नहीं कहा जा सकता कि जो वार्ड पिछले चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित था, वह इस बार जनरल हो जाएगा। वह वार्ड फिर ओबीसी के लिए आरक्षित हो सकता है और जनरल वार्ड दोबारा जनरल में जा सकता है। इन 58 वार्डों में एक ही नियम लागू रहेगा, और वह है महिला आरक्षण। इनमें से जो वार्ड पिछले चुनाव में महिलाओं के आरक्षित थे, इस बार वह सभी वार्ड पुरुषों के कोटे में जाएंगे। जो वार्ड ओबीसी थे, महिला ओबीसी हो सकते हैं। जो जनरल थे, वह महिला अनारक्षित हो सकते हैं, लेकिन किसी भी वार्ड में महिला आरक्षण का दोहराव नहीं होने वाला है।

पिछली बार के आरक्षित वार्ड… इनसे लगाइए अनुमान

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