अडानी रिश्वत मामला अमेरिकी राष्ट्रपति तक… शेयरों में 25 फीसदी से ज्यादा गिरावट… जानिए व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने क्या कहा
देश के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट को लेकर अडानी ग्रुप के 8 डायरेक्टर-अफसरों पर कथित तौर पर 265 मिलियन डालर (करीब 21 सौ करोड़ रुपए) की घूस से जुड़ा मामला अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ में यह मामला इसलिए चर्चा में है, क्योंकि अमेरिकी की कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में छत्तीसगढ़ का कई बार उल्लेख है। संभवतः देश का यह पहला कार्पोरेट मामला है, जिसमें सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रवक्ता केरिन जीन पियरे ने मीडिया से बातचीत की है। पियरे ने कहा कि् हमें गौतम अडानी और अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जानकारी है। इन आरोपों की जांच अमेरिका का सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन विभाग और डिपार्टमेंट पर आफ जस्टिस करेगा। दोनों ही विभागों के पास, अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की बारीक जानकारियां हैं। कैरिन ने कहा कि भारत और अमेरिका का रिश्ता गहरे विश्वास पर टिका है। इसे किसी भी तरह की चुनौती से कमजोर नहीं किया जा सकता।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं, हालांकि मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि भारत से जुड़े किसी कार्पोरेट ग्रुप के मामले पर व्हाइट हाउस से प्रतिक्रिया आई है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट से अडानी ग्रुप को कई अरब डालर का फायदा होने का अनुमान था। लेकिन अमेरिकी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद ग्रुप पर सबसे पहला असर यह हुआ है कि इसके शेयरों में तकरीबन 25 फीसदी की गिरावट आ गई है। शेयर मार्केट सूत्रों के अनुसार हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद यह ग्रुप के शेयरों में दूसरी बड़ी गिरावट है। इस बीच, अडानी समूह ने बड़े मीडिया घरानों में बयान भेजा है, जिसमें सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। अडानी समूह ने कहा कि हमारे चेयरमैन समेत 7 लोगों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और हम सभी कानूनी विकल्प अपनाएंगे।