तोखन साहूः लोरमी से हारे तो टिकट काटकर साव को दे दिया…बिलासपुर से टिकट मिला और जीते तो सीधे मोदी के मंत्री
आजादी के बाद पहली बार बिलासपुर से केंद्रीय मंत्री तोखन का सरपंच से शुरू हुआ सफर

केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए तोखन साहू की कहानी दिलचस्प है। लोरमी इलाके में सरपंच चुनाव जीतकर राजनीति शुरू करनेवाले तोखन को पहली बार 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने लोरमी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था और वे चुनाव जीत गए थे। लेकिन 2018 में धर्मजीत सिंह इसी सीट से जोगी कांग्रेस से लड़े, तब तोखन को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बाद आया विधानसभा चुनाव 2023। चूंकि तोखन चुनाव हार गए थे, इसलिए भाजपा ने उनकी जगह अरुण साव को चुनावी समर में उतारा। साव चुनाव जीते और छत्तीसगढ़ सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। तोखन पूर्व विधायक की हैसियत से पार्टी का काम करते रहे। उन्हें 2024 में भाजपा ने बिलासपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस के देवेंद्र यादव से तोखन का सीधा मुकाबला हुआ और तोखन भारी अंतर से जीतकर सांसद बनने में कामयाब हो गए। यहां से उनका नया सफर शुरू हो गया है…।
छत्तीसगढ़ में किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि मोदी की इस बार की गठबंधन सरकार में तोखन को लिया जाएगा। लोकसभा के नतीजे आने के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में उन कद्दावर नेताओं में से किसी एक को मंत्री बनाने की चर्चा होती रही, जिन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता। यह तो तय था कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए गए हैं, इसलिए केंद्र में अगर कोई मंत्री बना भी तो इस वर्ग से नहीं बनेगा। बृजमोहन अग्रवाल चूंकि मंत्री थे और उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाया गया, इसलिए छत्तीसगढ़ में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का मानना था कि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने की पूरी संभावना है। अगर किसी समीकरण के तहत बृजमोहन को छोड़ना भी पड़ा तो मोदी यहां से ओबीसी या एससी में से कोई चेहरा चुनेंगे। ओबीसी में विजय बघेल और एससी में कमलेश जांगड़े की बात चली।
शिवराज को सीएम नहीं बनाने जैसा अचंभा
रविवार को मोदी मंत्रिमंडल के गठन वाले दिन सुबह स्पष्ट हो गया कि बृजमोहन के अलावा इन दोनों समुदायों के भी किसी सांसद को शपथ लेने का फोन नहीं आया। दोपहर 1 बजे अचानक खबर फैली कि भाजपा ने केंद्र में मंत्री के लिए छत्तीसगढ़ के लिए जिस चेहरे को चुना है, वह बिलासपुर से तोखन साहू हैं। पूरा प्रदेश इस खबर से चकित था। वैसा ही अचंभा, जैसा मध्यप्रदेश के लोगों को तब हुआ था, जब सीएम के लिए शिवराज की जगह मोहन यादव नाम के विधायक को चुना गया। ओबीसी की सोशल इंजीनियरिंग में पीएम मोदी की ओर से मध्यप्रदेश केे बाद छत्तीसगढ़ में भी नया नेता इंट्रोड्यूज किया गया है। बिलासपुर वाले इसलिए खुश हैं, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार उनके इलाके से केंद्र सरकार में तोखन साहू के रूप में पहला मंत्री बना है।