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हाथियों का डेथ चेंबर बने प्रदेश के वन… अब मिला हाथी के शावक का कंकाल… 25 दिन में छठवें हाथी की मौत की खबर

छत्तीसगढ़़ के जंगल पिछले एकाध महीने से जैसे हाथियों के लिए डेथ चेंबर में तब्दील हो रहे हैं। सोमवार को धरमजयगढ़ के जंगल में हाथी के बच्चे का कंकाल मिल गया है। वनकर्मियों के मुताबिक कंकाल से लगता है कि यह हाथी का शावक था, क्योंकि यह छोटा है। शव पूरी तरह गल चुका है। वन विभाग जंगलों में हाथियों तथा वन्यप्राणियों के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम का दावा कर रहा है, इस मौत ने दावों की सच्चाई सामने ला दी है।

बता दें कि 25 अक्टूबर को घरघोड़ा में करंट से मारे गए तीन हाथियों का शव मिला था। उसके बाद 1 नवंबर को अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगे गांव में हाथी का शव मिला, जिसके करंट से मारे जाने की आशंका जताई गई। इसी दरमियान सीतानदी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में हाथी का बच्चा पोटाश बम से बुरी तरह घायल हो गया। यह 8 नवंबर को वन विभाग को मिला, जिसे इलाज से किसी तरह बचाया गया। पिछले सोमवार यानी 11 नवंबर को बलरामपुर में मुरका के जंगल में एक हाथी का शव मिला। जांच में इसे भी करंट देकर मारने की पुष्टि हुई। अब हाथी के  बच्चे का कंकाल मिल गया। उसकी मौत का कारण जांच के बाद ही साफ होगा। हाथियों की लगातार मौत अब वन विभाग के लिए बड़ा कंसर्न बन गया है। हैरतअंगेज ये है कि वन विभाग इन मौतों को स्वीकार तो कर रहा है, लेकिन हाथियों की मौत को लेकर अफसर-कर्मियों की जिम्मेदारी तय करने से भी बच रहा है।

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