राजेश मूणत का खुलासाः कमल विहार में तालाब से लगी आमोद-प्रमोद की जमीन आरडीए ने पार्क के लिए निजी कंपनी को बेची
मंत्री ओपी चौधरी की विधानसभा में घोषणाः जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे

छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी टाउनशिप कौशल्या माता कमल विहार के प्लानर तथा भाजपा के दिग्गज विधायक राजेश मूणत ने विधानसभा में एक प्रश्न के जरिए खुलासा किया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने टाउन प्लानिंग के नियमों का पालन किए बिना कमल विहार में गजराज तालाब से लगी आमोद-प्रमोद के बड़े प्लाट का लैंडयूज चेंज कर दिया। यही नहीं, बैक टू बैक तीन बार टेंडर करके इस जमीन को एक निजी कंपनी को एम्यूजमेंट पार्क बनाने के लिए बेच दिया गया। राजेश मूणत ने इसे बड़ा घपला करार देते हुए जांच की मांग कर दी है। इधर, आवास-पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि जमीन के लिए किए गए टेंडर का परीक्षण करवाया जाएगा और जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि गजराज तालाब से लगी जमीन का उपयोग आमोत-प्रमोद के लिए ही किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने कहा कि गजराज तालाब के आसपास की जमीन के सौंदर्यीकरण की योजना थी। मास्टर प्लान में यह जमीन आमोद-प्रमोद के लिए आरक्षित की गई थी। लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल में आरडीए ने लैंडयूज बदले बिना इस जमीन को निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर निकाल दिया। जबकि नियम यह कहता है कि एम्यूजमेंट पार्क जैसे प्रोजेक्ट के लिए आरडीए को इस भूखंड के दस्तावेज टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में भेजने थे और उसका लैंडयूज बदलने की प्रक्रिया पूरी करनी थी। ऐसा नहीं करके नियमों के विपरीत पूरी जमीन एक निजी कंपनी को एम्यूजमेंट पार्क बनाने के लिए दे दी गई। मूणत ने इस मामले की गहराई से जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी है।
दोषियों को सजा दी जाएगीः मंत्री चौधरी
इस सवाल के जवाब में आवास-पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस जमीन पर सौंदर्यीकरण की योजना 2018 में बनाई गई थी। बाद में इसके व्यावसायिक उपयोग का फैसला कर लिया गया। एम्यूजमेंट पार्क बनाने के लिए तीन बार टेंडर निकालना पड़ा, तब कहीं जाकर ठेका फाइनल हुआ। आरडीए ने ठेका लेने वाली कंपनी को ही इसका लैंडयूज बदलवाने की जिम्मेदारी दे दी। आवास-पर्यावरण मंत्री चौधरी ने सदन को आश्वस्त किया कि इस योजना में गड़बड़ी हुई है, तो जांच करवा ली जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।