फाइनेंस अफसरों को लौटाकर सीएम साय ने दिए कड़े संकेत…परिवहन समेत अन्य विभागों में डेपुटेशन के रास्ते बंद
कठोर सुशासनः जो अफसर-कर्मचारी जिस संवर्ग के हैं, उन्हीं विभागों में काम करेंगे

सीएम विष्णुदेव साय के निर्दश के बाद राज्य शासन ने फाइनेंस अफसरों को उनके मूल विभाग वित्त में लौटाकर कड़े संकेत दिए हैं कि जो पद जिस संवर्ग के लिए निर्धारित हैं, अब संबंधित अफसरों से ही भरे जाएंगे। सीएम के सख्त रवैये के बाद न केवल फाइनेंस अफसरों को हाउसिंग बोर्ड, स्कूल शिक्षा और खेल जैसे विभागों से वापस वित्त विभाग में लौटाया गया है, बल्कि माना जा रहा है कि अब परिवहन और आबकारी समेत सभी विभागों में क्लास-वन अफसरों के डेपुटेशन के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सीएम ने यह फैसला संभवतः इसलिए भी लिया है, क्योंकि ईडी और ईओडब्लू की जांच में बड़े घोटालों में जिन अफसरों के नाम आए हैं, अधिकांश अन्य विभागों या अन्य संवर्ग से डेपुटेशन पर लाए गए थे।
छत्तीसगढ़ के अफसरों के लिए यह बड़ी खबर इसलिए भी है, क्योंकि बहुत सारे अधिकारी अलग-अलग विभागों में डेपुटेशन की कोशिश में लगे हुए हैं। संकेत मिले हैं कि सरकार बनने के बाद व्यवस्थागत जरूरतों के लिए कुछ अफसरों को अन्य विभागों में बिठाया गया है, वह अंतिम है और सुशासन को ध्यान में रखते हुए सीएम साय डेपुटेशन के पक्ष में बिलकुल नहीं है। जानकारी यह भी मिली है कि वित्तमंत्री ओपी चौधरी अपने विभाग वित्त को स्ट्रेंथन करना चाहते हैं, इसलिए फाइनेंस अफसरों को उन्हीं की सहमति से मूल विभाग में पदस्थ कर दिया गया है। साय सरकार ने सभी विभागों में ऐसे अफसरों की सूची तैयार की है, जो उस संवर्ग के नहीं हैं। जल्दी ही इन सभी को भी उनके मूल विभागों में लौटाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। डेपुटेशन बहुत जरूरी होने या अपवाद स्वरूप ही किया जाएगा, वह भी आईएएस-आईपीएस लेवल पर ही। लेकिन यहां भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जो पद आईएएस या प्रशासनिक सेवा के लिए रिजर्व हों, वहां आईपीएस को नहीं बैठाया जाएगा। पिछली सरकार में इस तरह भी हुआ था, जिसे साय सरकार अब दोहराना नहीं चाहती।
परिवहन में नहीं किया जाएगा डेपुटेशन
खबर मिली है कि परिवहन विभाग में मंत्रालय स्तर पर पुलिस तथा अन्य विभागों से अफसरों को व्यवस्था के लिए पदस्थ करने के बाद अब सीएम साय ने किसी भी तरह के डेपुटेशन के लिए सख्ती से मना कर दिया है। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में सिपाही से डीएसपी रैंक तक के अफसर परिवहन में डेपुटेशन के लिए लगे हुए हैं। साय सरकार की सोच है कि पूर्व में परिवहन विभाग में अन्य विभागों से डेपुटेशन इसलिए किया गया, क्योंकि विभाग में अफसर-कर्मचारियों की कमी थी। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। अब विभागीय अफसर इतने हो गए हैं कि आरटीओ से लेकर अन्य जरूरी पदों पर परिवहन अफसरों को ही तैनात किया जा सकता है। पिछली सरकार में परिवहन विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को बड़ी संख्या में परिवहन विभाग में आरटीओ बनाया गया। राप्रसे अफसर शैलाभ साहू ने तो पिछले पांच साल में चार-पांच जिलों में आरटीओ जैसे पदों पर ही काम किया। सीएम की सख्त मंशा है कि अब इस तरह के उदाहरण सेट नहीं करने हैं।