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रायपुर फायरिंग केसः गैंगस्टर अमनदीप के पास 400 से ज्यादा शूटर-गुर्गे…रायपुर पुलिस ने लिया रिमांड पर

रायपुर में ठेकेदार कंपनी पीआरए कंस्ट्रक्शन पर फायरिंग की जांच में जुटी पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। 13 जुलाई को रायपुर में हुई फायरिंग को जिस गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि ने हैंडल किया था, पुलिस को उसके बारे में यह पता चला है कि उसका भी बड़ा गैंग हरियाणा समेत नार्थ इंडिया में आपरेट कर रहा है। अलग-अलग जगह उसके गैंग के 400 शूटर और गुर्गे फैले हुए हैं। इसके अलावा कुछ और सूचनाएं हैं, जिनकी पुष्टि के लिए रायपुर पुलिस की कई टीमें काम कर रही हैं। यही वजह है कि हरियाणा और झारखंड से लाए गए गैंगस्टर्स को पुलिस ने रायपुर की अदालत में पेश किया और रिमांड नहीं मांगी, लेकिन अमनदीप को रिमांड पर लेने का आवेदन लगाया गया। कोर्ट ने उसे हालांकि केवल एक दिन की रिमांड पर ही पुलिस को सौंपा है। उसे कल, गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

रायपुर फायरिंग केस में पुलिस ने अमन साहू गैंग और लारेंस विश्नोई गैंग से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन युवकों ने यहां फायर किया था, पुलिस उनके पते-ठिकाने तक पहुंच चुकी है, लेकिन दोनों नहीं मिले हैं। इस केस की जो कहानी सामने आई है, उसके मुताबिक अमन साहू गैंग के हैंडलर मयंक सिंह ने इंडोनेशिया से हरियाणा में बैठे गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि को रायपुर में फायरिंग की सुपारी दी थी। यह स्पष्ट किया गया था कि केवल गोलियां चलानी है, ताकि ठेकेदारों को गैंगस्टर की रायपुर में प्रजेंट दिखे। इस वारदात के लिए शूटर और पिस्टल का इंतजाम अमनदीप ने किया था। शूटर अलग भेजे गए थे और दो अलग गुर्गों के जरिए यहां पिस्टल भेजी गई। मिली जानकारी के मुताबिक बाइक की व्यवस्था तथा रेकी में सहयोग अमन साहू गैंग के लोगों ने किया था। इसी गैंग के दो लोग बाइक लेकर यहां आए थे। कोड वर्ड के आधार पर यहां शूटरों को बाइक दी गई, क्योंकि दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को नहीं जानते थे। पिस्टल और बाइक वारदात के एक दिन पहले दी गई थी और वारदात का समय भी 12 बजे के आसपास का तय कर दिया गया था। इसी तय समय पर बाइक से गए युवकों ने कंपनी के दफ्तर के सामने खड़ी महंगी कार पर फायर किया। एक हवाई फायर की भी सूचना है। सूत्रों के अनुसार फायरिंग के बाद की स्टोरी भी पुलिस के पास है, इसीलिए रायपुर से क्राइम ब्रांच की दर्जनभर से ज्यादा टीमें झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान भेजी गई थीं। टीमों को इतनी स्पीड से भेजा गया और घेरेबंदी इस तरह की गई कि वारदात में शामिल 6 गैंगस्टर और गुर्गे तो फंसे, लेकिन शूटर भागने में कामयाब हो गए।

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