बारिश में भी बनाई जाती रहेंगी टूटी सड़कें, सीएम साय ने मंजूर किए 155 करोड़ रुपए

छत्तीसगढ़ में शहर और आसपास की सड़कें को ठीक-ठाक स्थिति में हैं, लेकिन कई जगह ग्रामीण सड़कों की हालत बेहद खराब है। बरसात में यह और खराब हो रही हैं, इसलिए सीएम विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव ने बरसात के दौरान भी बेहद खराब सड़कों की मरम्मत जारी रखने का फैसला किया है। इसके लिए अनुपूरक बजट में लगभग 155 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह को सरकार ने निर्देश दिया है कि जहां बहुत जरूरी है, वहां मरम्मत की प्रक्रिया तत्काल शुरू करनी चाहिए। मिली जानकारी के मुताबिक पीडब्लूडी महकमे ने चार दर्जन से ज्यादा ऐसी सड़कों की पहचान की है, जिनकी मरम्मत जरूरी है। मेंटेनेंस के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण इलाकों में कई सड़कों की हालत ऐसी है कि दस-दस साल से बनी नहीं हैं। हालांकि ये सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का हिस्सा हैं, इसलिए इनकी मरम्मत पीएमजीएसवाय को ही करनी है। पीडब्लूडी महकमा उन्हीं सड़कों की मरम्मत शुरू करने जा रहा है, जो पीडब्लूडी विभाग ने बनवाई थीं। यही वजह है कि सचिव डा. कमलप्रीत ने सभी चीफ इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने इलाके में ऐसी ग्रामीण सड़कों की पहचान तुरंत करें, जिन्हें मरम्मत की सख्त जरूरत है या हालत बहुत खराब है। बजट मंजूर होने के कारण विभाग तेज रफ्तार से मरम्मत के लायक सड़कों की पहचान करने में जुट गया है। चार दर्जन सड़कें चिन्हित भी की जा चुकी हैं, जिनमें बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जो बारिश में खतरनाक साबित हो सकते हैं। सरकार ने कहा कि ऐसी सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर अगले एक-डेढ़ माह के भीतर बनाया जाएगा। हालांकि बारिश में सड़क निर्माण नहीं चलता है, लेकिन लगातार शिकायतों के कारण ही सीएम साय ने फैसला किया कि मरम्मत बरसात के दौरान भी करवाना उचित रहेगा।
पीएम सड़कों की भी जल्द होगी समीक्षा
जानकारों के मुताबिक ग्रामीण अंचल में पीएमजीएसवाय द्वारा बनवाई गई कई सड़कों की बेहद खराब हालत की रिपोर्ट शासन के पास है। इनमें से कई तो दस साल पहले बनी थीं, उसके बाद एक बार भी डामरीकर तक नहीं हुआ। इनमें से कई सड़कों का डामर बारिश से कटकर बह चुका है और केवल गिट्टी-बोल्डर बचे हैं। साय सरकार ने इन्हें भी गंभीरता से लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक सीएम के निर्देश पर जल्दी ही पीएमजीएसवाय के अधीन सड़कों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी, ताकि इनकी तत्काल प्रभाव से मरम्मत करवाई जा सके। गौरतलब है, कवर्धा के बाहपानी में जिस सड़क से गाड़ी खाई में गिरी थी और 19 बैगा आदिवासियों की मृत्यु हो गई थी, वह सड़क पीएमजीएसवाय की है।