सात सीटों पर कस्बों में ज्यादा वोटिंग, रायगढ़ में सर्वाधिक, बिलासपुर में सबसे कम
आंकड़े शाम 5 बजे तक के, रायपुर में 61.25%, वोटिंग बढ़ सकती है 3 फीसदी तक
- रायपुर और कोरबा समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्से में मंगलवार को दोपहर से शाम तक वोटिंग के दौरान अंधड़ चला और बारिश हुई। कोरबा में तेज आंधी से पंडाल वगैरह भी उखड़ने की खबरें हैं। इससे मतदान भी प्रभावित हुआ। तस्वीर कोरबा की
सातों सीटों पर शाम 5 बजे तक मतदान और 2019 का तुलनात्मक ब्योरा
लोकसभा क्षेत्र 2019 2024 (5 बजे)
सरगुजा 77.30% 74.17.00%
रायगढ़ 77.78% 75.84%
जांजगीर 65.58% 62.44%
कोरबा 75.28% 70.60%
बिलासपुर 64.36% 60.05%
दुर्ग 71.68% 67.33%
रायपुर 66.0% 61.25%
छत्तीसगढ़ की जिन 7 सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ, वहां पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान भी वोटिंग का प्रतिशत सामान्य था। लोकसभा चुनाव 2019 में इन सात सीटों में से कांग्रेस केवल कोरबा में जीती थी, बाकी में भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे थे। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर में भाजपा के उम्मीदवारों की लीड डेढ़ लाख या उससे अधिक थी। रायपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी साढ़े 3 लाख से ज्यादा वोटों से और दुर्ग में 3 लाख 90 हजार वोटों से जीते थे। जबकि रायपुर और दुर्ग, दोनों में ही मतदान का प्रतिशत बहुत अधिक नहीं बल्कि साधारण ही था। पिछले चुनाव के आधार विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ की अलग-अलग सीटों पर वोटिंग पैटर्न अलग है, इसलिए इस आधार पर हार-जीत का आंकलन मुश्किल ही है। जैसे, इन सात सीटों की बात की जाए तो रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जैसे शहरों में मतदान अपेक्षाकृत कम था, लेकिन भाजपा प्रत्याशी बहुत ज्यादा वोटों से अंतर से जीते थे।
पिछले लोकसभा चुनाव में रायपुर में महज 66 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसी तरह, दुर्ग में भी 71.68 फीसदी लोगों ने ही मताधिकार का उपयोग किया था। इसके मुकाबले एसटी के लिए सुरक्षित सीटों सरगुजा और रायगढ़ में काफी ज्यादा वोट पड़े थे। रायगढ़ में 77.78 और सरगुजा में 77.30 प्रतिशत मतदान हुआ था। कोरबा में कांग्रेस प्रत्याशी मामूली अंतर से जीती थीं। वहां भी मतदान का प्रतिशत 75.28 था। अगर सात सीटों की बात की जाए तो लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे कम 64.36 प्रतिशत वोटिंग बिलासपुर में हुई थी। जांजगीर में इससे कुछ ज्यादा यानी 65.59 प्रतिशत मतदान ही हुआ था।