सांसद बृजमोहन के भतीजे, गरियाबंद के भाजपा मेयर समेत कई पार्टी नेताओं की राइस मिलों में घुसे फूड अफसर, दर्जनभर से ज्यादा सील

धान का उठाव नहीं करने के मामले में राइस मिलर्स पर रविवार को सुबह शुरू हुई कार्रवाई शाम को सख्त हो गई। फूड डिपार्टमेंट ने शाम तक प्रदेश के दर्जनभर जिलों में भाजपा नेताओं के संबंधित राइस मिलों को भी जांच की चपेट में ले लिया। अब तक जो अपडेट खबर मिली है, उसके मुताबिक फूड अफसर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के भतीजे की आरंग इलाके में स्थित राइस मिल में घुसे तथा जांच के बाद उसे सील कर दिया गया। इसी दौरान गरियाबंद में भाजपा के नगरपालिका अध्यक्ष तथा बृजमोहन के डाई-हार्ड समर्थक माने जाने वाले गफ्फू मेमन की राइस मिल भी जांच के बाद सील कर दी गई। छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अधिकांश प्रदेशस्तरीय नेताओं की मिलों पर शासन ने सुबह से फंदा कस रखा है और दोपहर में एसोसिएशन के सचिव की राइस मिल सील की जा चुकी है। रात 10 बजे तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक फूड अफसरों ने अलग-अलग जिलों में 15 राइस मिलों को सील कर दिया है। माना जा रहा है कि इनमें से अधिकांश भाजपा नेताओं से संबंधित उन लोगों की हैं, जो प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी हैं। जानकारों के मुताबिक इस कार्रवाई से सरकार यह संकेत देना चाहती है कि धान से जुड़े मुद्दे पर सरकार कार्रवाई में किसी तरह का पक्षपात नहीं करेगी।
रायपुर जिले में फूड अफसर फिलहाल तीन राइस मिलों में घुसे हैं, जिनमें दोपहर को आरटी राइस मिल को सील करने के बाद शाम को मुकेश अग्रवाल की गौरी राईस मिल को भी गड़बड़ी पाए जाने के बाद सील कर दिया गया। अफसरों ने बताया कि अनुबंध के तहत भारतीय खाद्य निगम में जमा किए जाने वाले 2272 क्विंटल चावल के मुकाबले मिल में केवल 872 क्विंटल चावल ही मिला। यही नहीं, इस साल सरकार के एग्रीमेंट के बाद भी राइस मिलर ने अब तक धान नहीं उठाया। इसे छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग आदेश 2016 का उल्लंघन मानते हुए मिल सील कर दी गई। दरअसल रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में ज्यादातर कार्रवाइयां इसी नियम के तहत की गई हैं। एक और चर्चित कार्रवाई गरियाबंद जिले की दातान राइस मिल पर की गई है। इस मिल के मालिक गफ्फु मेनन गरियाबंद नगरपालिका में भाजपा के अध्यक्ष हैं और सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पुराने समर्थक बताए गए हैं। अफसरों ने बताया कि इस मिल में निरीक्षण के दौरान शासकीय धान और चावल के स्टॉक में कमी पाई गई, इसलिए जिले के फूड-मार्कफेड अफसर की मौजूदगी में मिल को सील कर दिया गया। फिलहाल महासमुंद में तीन, धमतरी में एक तथा राजनांदगांव में एक राइस मिल में जांच चल रही है। खाद्य विभाग के आला अफसरों ने बताया कि धान के उठाव और कस्टम मिलिंग में लापरवाही बरतने वाले राइस मिलर के खिलाफ जांच और कार्रवाई और तेज की जाएगी। बता दें कि राइस मिलर्स ने दो साल का बकाया भुगतान पहले करने की मांग करते हुए अब तक संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव शुरू नहीं किया है। इस वजह से शासन और राइस मिलर्स के बीच पिछले 15 दिन से तकरार चल रही है, जो अब इस मोड़ पर पहुंच गई है। राइस मिलर्स एसोसिएशन की ओर से छापेमारी पर फिलहाल अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि राइस मिलर्स को दबाने की कोशिश की जा रही है।