डा. कुरील राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने वाले 8 प्रोफेसरों में, उद्यानिकी विवि से उन्हें ही झटके से निकाला
अब खाल बचाने के लिए नियुक्तियों में गड़बड़ी का आरोप, लेकिन वह भी नियमानुसार ही था
हार्टीकल्चर एंड फारेस्ट्री यूनिवर्सिटी-पाटन के कुलपति डा. रामशंकर कुरील को एक झटके से हटाने और कुछ घंटे में एक अफसर को चार्ज देने का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि डा. कस्तूरीनंदन और 8 प्रोफेसरों की जिस टीम ने मोदी सरकार के निर्देश पर 2017 से 2019 तक लगभग ढाई साल की मेहनत से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई जो देशभर में लागू कर दी गई है, डा. कुरील उसी कमेटी के सदस्य थे और छत्तीसगढ़ में उनके साथ भले ही जो भी किया गया हो, कम से कम केंद्र की मोदी सरकार ने उनका शुमार देश के नामी शिक्षाविदों में कर रखा है। डा. कुरील को कुलपति पद से राजभवन के आदेश पर हटाया गया है, लेकिन चर्चा है कि पूरा एक्शन छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की नाराजगी पर हुआ है और पूरा घटनाक्रम केंद्र सरकार में उच्चस्तर तक पहुंच रहा है।
आनन-फानन में डा. कुरील को हटाने के बाद अब यह चर्चाएं फैलाई गई हैं कि छत्तीसगढ़ के 21 हार्टीकल्चर कालेजों में 35 शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की वजह से डा. कुरील पर कार्रवाई की गई। गड़बड़ी यह बताई गई है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए पीएचडी के मार्क्स नहीं जोड़े गए। जबकि महात्मा गांधी हार्टीकल्चर विवि ने 30 जून 2023 में एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि पीएचडी के बजाय राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को अनिवार्य पात्रता मानकर उसके मार्क्स जोड़े जाएं। यही नहीं, हार्टीकल्चर कालेजों में भर्ती प्रक्रिया लगभग सवा साल चली और इसके लिए 5 वैज्ञानिकों की कमेटी बनाई गई थी। सारी प्रक्रिया पर इसी कमेटी ने नजर रखी थी।
राजभवन से एक्शन हुआ, इसलिए प्रभावशालियों ने इसकी आड़ ले ली
चूंकि विश्वविद्यालयों का नियंत्रण राजभवन से होता है, डा. कुरील को हटाने का आदेश भी वहीं से हुआ, इसलिए इस कार्रवाई में जिस मंत्री की भूमिका की चर्चाए हैं, वे तथा उनकी टीम चुप्पी साधे हुए हैं और सब राजभवन की आड़ ले रहे हैं। डा. कुरील चूंकि रिटायर हो चुके हैं, इसलिए वे भी खामोश बने हुए हैं। द स्तंभ ने शनिवार को उनसे फोन पर बात की, तो उन्होंने इस मामले सिर्फ यही कहा कि उनकी नियुक्ति राजभवन के आदेश से हुई और हटाने के आदेश भी वहीं से हुआ। डा. कुरील ने कहा- हम इस आदेश से बंधे हुए हैं। वापस दिल्ली लौटने की तैयारी कर रहे हैं।