ईओडब्लू के निशाने पर ढेबर परिवार, दर्जनभर आबकारी अफसर भी घेरे में
त्रिपाठी के साथ अनवर और अरविंद भी 18 तक रिमांड पर

छत्तीसगढ़ में 2160 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले की जांच तेज करते हुए शुक्रवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) ने गिरफ्तार अनवर ढेबर के बाद ढेबर परिवार के और सदस्यों की भी जांच शुरू कर दी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक ब्यूरो की टीम ने अख्तर ढेबर तथा जुनैद ढेबर के परिसर जांच की है। उधर, ईडी ने आबकारी घोटाले में जिस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को मास्टरमाइंड्स में से एक बताया था, ईओडब्लू ने 18 अप्रैल तक के लिए कोर्ट से रिमांड पर ले लिया है। त्रिपाठी के साथ-साथ अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड भी 18 तक बढ़ा दी गई है, यानी तब तक तीनों ईओडब्लू की हिरासत में रहेंगे। इस बीच, राजधानी में ईओडब्लू की अलग-अलग टीमों ने कम से कम 6 आबकारी अफसरों के यहां भी धावा बोला है। उनसे पूछताछ तथा जांच-पड़ताल की गई है।
एसीबी-ईओडब्लू के चीफ के तौर पर आईपीएस अमरेश मिश्रा के ज्वाइन करने के बाद से शराब घोटाले की जांच में खासी तेजी आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में जमानत पर छूटकर 3 माह से छत्तीसगढ़ से गए आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति त्रिपाठी को गुरुवार को ईओडब्लू ने बिहार से गिरफ्तार किया था। त्रिपाठी को शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। एजेंसी ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में त्रिपाठी से काफी जानकारी मिलेगी। यही नहीं, अनवर और अरविंद से भी काफी पूछताछ और जांच बची है। इसलिए तीनों को रिमांड पर ईओडब्लू को सौंपा जाएगा। विशेष न्यायाधीश ने काफी तर्क-वितर्क के बाद तीनों को 18 अप्रैल तक के लिए ईओडब्लू को सौंप दिया है।