शराब घोटालाः आबकारी विभाग के टाप-10 अफसर जिनपर ईओडब्लू का घेरा कसेगा
ईडी की एफआईआर के मुताबिक तब यही थे सिस्टम के प्रमुख अंग

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में पहले प्रवर्तन निदेशालय और अब आर्थिक अपराध अनुसंधान विंग (ईओडब्लू) की कार्रवाइयां फिर चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार ईओडब्लू ने अरविंद सिंह और अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के तुरंत बाद दो आबकारी अफसरों को पूछताछ के लिए शाम को दफ्तर बुलाया था, जिन्हें जरूरी जानकारियां हासिल करने के बाद उसी रात जाने दिया गया। द स्तंभ के पास वह एफआईआर है, जो ईडी की तरफ से आबकारी घोटाले में ईओडब्लू में दर्ज करवाई गई थी। इस एफआईआर में अन्य लोगों को मिलाकर जिन 71 लोगों और फर्मों को आरोपी बनाया गया है, उसमें आबकारी विभाग के दो दर्जन से ज्यादा अफसरों के नाम हैं। इन अफसरों को लेकर जो जानकारियां आ रही हैं, उनके मुताबिक अधिकांश कथित सिंडीकेट का हिस्सा होने के बजाय विभाग की रूटीन वर्किंग का पार्ट थे, इसलिए आरोपी बनाए गए। लेकिन जिन 10 अफसरों के नाम एफआईआर में सबसे ऊपर हैं, ईओडब्लू अब उन पर घेरा कसने जा रही है।
आबकारी घोटाले में ईओडब्लू की एफआईआर में आबकारी विभाग से संबंधित पहला नाम अरुणपति त्रिपाठी का है, जो दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए और अभी ईओडब्लू की रिमांड पर हैं। त्रिपाठी सरकार बदलने से पहले तक विभाग के स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। उनके बाद आईएएस निरंजन दास का नाम एफआईआर में है। वे तत्कालीन आबकारी आयुक्त थे। एफआईआर में इनके बाद आला अफसरों के बजाय सहायक जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव का नाम है। उनके बारे में ईडी का कहना था कि वे पूरे सिंडीकेट की महत्वपूर्ण कड़ी थे।
ईओडब्लू की एफआईआर में जिन आबकारी अफसरों के नाम ऊपरी क्रम में हैं, उनमें तत्कालीन उपायुक्त अनिमेष नेताम और विजय सेन शर्मा और नीतू नोतानी, तत्कालीन सहायक आयुक्त अरविंद कुमार पटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंग तोमर,सौरभ बख्शी, सोनल नेताम और दिनकर वासनिक हैं। इनके आलावा तत्कालीन अपर आयुक्त आशीष श्रीवास्तव का नाम भी एफआईआर में है, लेकिन उनके बारे में बताया गया है कि रूटीन वर्किंग में उच्चाधिकारी होने की वजह से उनका तथा कुछ और अफसरों का नाम एफआईआर में आया है। इनके आलावा कुछ जिला आबकारी अधिकारियों और निरीक्षकों के नाम भी ईओडब्लू की एफआईआर में हैं, जिनसे पूर्व में ईडी पूछताछ कर चुकी है।
सभी से ईडी कर चुकी लंबी पूछताछ, इन्हीं में से अधिकांश पर ईओडब्लू का घेरा
सूत्रों के अनुसार ईडी इनमें से अधिकांश से लंबी पूछताछ कर चुकी है। कुछ अफसरों को तीन-तीन बार ईडी दफ्तर में बुलाकर घंटों बिठाया जा चुका है। ईओडब्लू ने शराब घोटाले में कार्रवाई शुरू करते हुए गिरफ्तारियां कीं, तब इन्हीं में से दो आबकारी अफसरों को ही देर तक बिठाकर पूछताछ की गई थी। शुक्रवार को जिन्हें जांच के घेरे में लिया गया है, उनमें भी इस सूची के कुछ अफसर हैं। ईओडब्लू के अफसर कार्रवाई के मामले में खामोश बने हुए हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार जो जानकारियां छनकर आ रही हैं, उनके मुताबिक पहले आला अफसरों को ही जांच के दायरे में लिया जाएगा। उसके बाद जिला आबकारी अधिकारियों का नंबर आएगा।