विधर्मी आदिवासियों की एकता को तोड़ने में लगे हैं, सावधान रहेंः ,सीएम साय
सरहुल पूजा महोत्सव में कहा-आदिवासियों से बड़ा कोई हिंदू नहीं
सीएम विष्णुदेव साय ने जशपुर ममें आदिवासियों के बड़े त्योहार सरहुल पूजा महोत्सव में कहा कि जो विधर्मी यह कह रहे हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहना है। ये आदिवासियों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि हम आदिवासी शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। सीएम साय ने कहा कि आदिवासियों से बड़ा हिन्दू कोई नहीं हो सकता है।
सीएम साय ने मंगलवार को जशपुर के वनवासी कल्याण आश्रम में सरहुल सरना पूजा महोत्सव में शिरकत की। उन्होंने लोगों को हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि जशपुर में हर वर्ष सरहुल खद्दी पूजा का आयोजन चैत्र प्रतिपदा के दिन करने की परंपरा है। मैं शुरू से ही वनवासी कल्याण आश्रम का कार्यकर्ता रहा हूँ और हर बार कोशिश करता हूं कि इस पूजा में रहूं। क्योंकि अगर मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं, तो महादेव-पार्वती, बालाजी भगवान, खुड़िया रानी, हमारे देवी-देवता, वनवासी कल्याण आश्रम, दिलीप सिंह जूदेव, बालासाहेब देशपांडे, जगदेव उरांव और आप सभी के आशीर्वाद से हूँ।
प्रकृति भी शक्ति का ही स्वरूप, हम प्रकृति और शक्ति दोनों के पूजक
सीएम साय ने बताया कि सरहुल खद्दी पूजा में आदिवासी प्रकृति की, पेड़-पौधे और सरई पेड़ की पूजा करते हैं। सालभर जो भी गलती करते हैं, उसके लिए धरती माता और महादेव-पार्वती से क्षमा मांगते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र में शक्ति की पूजा होती है। तो हमारी प्रकृति भी शक्ति की एक स्वरुप है। माँ दुर्गा का एक नाम प्रकृति भी है। हम आदिवासी प्रारम्भ से ही प्रकृति और शक्ति दोनों की पूजा करते हैं।