कांग्रेस विधानसभा हारी, लोकसभा में भी साफ, वीरप्पा कल आकर 4 दिन लेंगे हिसाब
कांग्रेस सिपहसालारों का मुश्किल वक्त, कांकेर-बस्तर और सरगुजा पर देना होगा जवाब
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधानसभा से लेकर सड़क तक मजबूत विपक्ष है। विधानसभा में 35 विधायक हैं, लेकिन तथ्य यह भी है कि 2023 में कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारकर सत्ता गंवा बैठी। इसके छह माह बाद, पिछले माह हुए लोकसभा चुनाव में भी छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 सीटें हार गई। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को दोनों हार खटक गई हैं। यह सब कैसे हुआ, कौन लोग जिम्मेदार हैं, ये जानने के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक तथा कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोईली 28 जून, शुक्रवार को रायपुर आ रहे हैं। वे लगातार चार दिन तक रायपुर, बिलासपुर और कांकेर में कांग्रेसियों दिन-दिनभर बैठक लेंगे और हार के कारणों का पता लगाएंगे। मोइली 1 जुलाई को रायपुर से लौटेंगे। माना जा रहा है कि उनके जाने के तुरंत बाद दिल्ली से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए एक-एक कर खबरें आनी शुरू हो जाएंगी।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बस्तर में उम्मीद से आधी सीटें भी नहीं मिलीं और सरगुजा में सूपड़ा साफ हो गया। लोकसभा चुनाव में भी सरगुजा में कांग्रेस लंबे से निपटी, बस्तर की भी दोनों सीटें हार गईं। लेकिन जानकारों का कहना है कि कांकेर और बस्तर में बड़ी चूक हुई है, गंभीर विवाद हैं जिनकी गूंज दिल्ली तक है। उसी चूक का पता लगाने के लिए मोइली बिलासपुर और कांकेर, दोनों जगह ही बैठक लेने वाले हैं, जिसमें नेताओं को खुलकर अपनी बात करने का मौका दिया जाएगा। आपको बता दें कि वीरप्पा मोइली दोपहर 12 बजे फ्लाइट से बेंगलुरू से रायपुर आएंगे और एयरपोर्ट से सीधे राजीव भवन जाकर दोपहर 1.30 बजे बैठक शुरू कर देंगे। बैठक रात तक चल सकती है। रायपुर से शनिवार को वीरप्पा बिलासपुर जाएंगे और वहां 11 बजे बैठक शुरू करेंगे। इस बैठक में बिलासपुर और सरगुजा संभाग के सभी नेता आएंगे। बिलासपुर से वे अगले दिन सुबह कांकेर जाएंगे और रविवार को दोपहर 12 बजे कांकेर के राजीव भवन में बैठक लेंगे। रात में कांकेर से रायपुर आएंगे और 1 जुलाई को सुबह 11 बजे से रायपुर में दोबारा बैठक लेंगे। उसी दिन रात 8 बजे वे फ्लाइट से रवाना हो जाएंगे। वीरप्पा मोइली किन विषयों के साथ चार दिन छत्तीसगढ़ में रहेंगे और वापसी के बाद बिजली किधर गिरेगी, इसे लेकर कांग्रेसियों में चर्चाएं छिड़ गई हैं। लेकिन माना जा रहा है कि उनके जाने के कुछ दिन के भीतर ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में ऊपर से बिजली भी गिर सकती है।