रायपुर-बिरगांव समेत 5 शहरों में महिलाएं होंगी मेयर… राजधानी में ढेबर समेत पुरुषों की संभावना खत्म… कांग्रेस से पूर्व मेयर किरणमयी, भाजपा से मीनल के नाम

नगरीय प्रशासन विभाग ने रायपुर समेत प्रदेश के सभी नगर निगमों के मेयर, नगरपालिकाओं के अध्यक्ष और नगर पंचायतों के अध्यक्षों की आरक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी है। सबसे बड़ी खबर यह आई है कि रायपुर नगर निगम में मौजूदा मेयर एजाज ढेबर समेत दोनों दलों से तैयारी में जुटे पुरुष उम्मीदवारों की संभावनाएं खत्म हो गई हैं, क्योंकि यहां से अब केवल महिलाएं ही चुनाव लड़ पाएंगी। सिर्फ रायपुर ही नहीं बल्कि बिरगांव और कोरबा में कोई भी महिला (अनारक्षित) मेयर चुनाव लड़ सकेंगी। इत्तेफाक कुछ ऐसा है कि दुर्ग भी ओबीसी महिला के लिए आरक्षित घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ में केवल राजनांदगांव, चिरमिरी और जगदलपुर ही ऐसे शहर हैं, जो अनारक्षित हैं, यानी यहां किसी भी वर्ग से पुरुष मेयर चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा रिसाली नगर निगम को एससी महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। रायपुर नगर निगम सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित होने के तुरंत बाद भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों से महिला उम्मीदवारों के नाम उछल रहे हैं। भाजपा से मौजूदा नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का नाम आया है। कांग्रेस में पूर्व महापौर डा. किरणमयी नायक की चर्चा है। हालांकि वे ओबीसी से आती हैं, पर रायपुर अनारक्षित है इसलिए चुनाव लड़ सकती हैं।
पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में मंगलवार को सुबह आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई है। अभी नगरपालिकाओं के अध्यक्षों का आरक्षण चल रहा है। जहां तक नगर निगमों का सवाल है, आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके मुताबिक रायपुर नगर निगम सामान्य महिला, बिरगांव सामान्य महिला, कोरबा सामान्य महिला और दुर्ग ओबीसी महिला के लिए आरक्षित घोषित किया गया है। भिलाई नगर निगम ओबीसी, भिलाई चरौदा ओबीसी और बिलासपुर ओबीसी के लिए आरक्षित है, अर्थात यहां इस वर्ग से पुरुष और महिलाएं महापौर का चुनाव लड़ सकती हैं। धमतरी नगर निगम अनारक्षित यानी सामान्य है, जबकि रायगढ़ एसपी और अंबिकापुर एसटी के लिए आरक्षित घोषित किया गया है। रिसाली नगर निगम एससी महिला के लिए आरक्षित है। राजनांदगांव, जगदलपुर और चिरमिरी अनारक्षित है, अर्थात यहां से सामान्य समेत किसी भी वर्ग के पुरुष और महिलाएं मेयर चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि राजनैतिक दलों का सीधा सिस्टम यही रहा है कि वे महिलाओं के लिए आरक्षित सीट से महिला उम्मीदवारों को उतारते हैं और अनारक्षित सीटों से पुरुषों को मौका दिया जाता है।