फोर्टिफाइड चावल की जरूरत जनवरी में थी, नाफेड ने टेंडर निकाला अक्टूबर में… सरकार ने तुरंत रद्द करने लिखी चिट्ठी
केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड किस तरह की लापरवाही कर सकती है, छत्तीसगढ़ में इसका बड़ा उदाहरण सामने आया है। नाफेड ने छत्तीसगढ़ के पीडीएस में फोर्टिफाइड राइस सप्लाई करने के लिए इसी महीने 44 हजार टन चावल खरीदने का टेंडर जारी कर दिया। जैसे ही सरकार को यह जानकारी लगी कि नाफेड ने टेंडर निकाला है, सब चकित रह गए। वजह यह थी कि नाफेड को जो फोर्टिफाइड राइस जनवरी-फरवरी में राज्य को देना था, आठ माह बाद उसका टेंडर निकाला गया। इसकी प्रक्रिया पूरी होते-होते दो माह और लगते। जबकि शासन की एजेंसियां अपनी जरूरत पहले ही पूरी कर चुकी थीं। इस वजह से छत्तीसगढ़ शासन की ओर से नाफेड को चिट्ठी लिखकर फोर्टिफाइड राइस खरीदने का टेंडर तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि जो टेंडर निकाला गया था, उस पर छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन ने भी गंभीर आपत्तियां दर्ज की थीं। एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने स्तंभ को बताया कि नाफेड ने इस टेंडर में ऐसी शर्ते डाली थीं, जिसे कुछ खास कंपनियां ही पूरा कर सकती थीं। एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से शिकायत कर दी थी कि फोर्टिफाइड राइस के टेंडर के जरिए नाफेड कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। यह मामला दिल्ली में गरमा गया था। इस आधार पर केंद्र सरकार से राज्य के खाद्ध एवं नागरिक आपूर्ति सचिव को सीधे चिट्ठी आई है। केंद्र में असिस्टेंट डायरेक्टर (एस एंड आर) डा. प्रीति शुक्ला की ओर से भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन ने नाफेड से एफआरके के लिए जारी टेंडर पर गंभीर आपत्ति उठाई है। चिट्ठी में छत्तीसगढ़ शासन से कहा गया है कि इसे मामले को संज्ञान में लेकर एक्शन लिया जाए।
राइस मिल एसोसिएशन के संदर्भ में आई चिट्ठी