जान सिर्फ हाथी नहीं लेते, हम भी गंदा मारते हैं… रायगढ़ में करंट से 3 हाथियों की मौत… इनका खून अभी बिजली कंपनी के सिर पर
रायगढ़़ के घरघोड़ा जंगल में शनिवार को तीन हाथियों के शव मिले हैं, जिनकी मौत करंट से हो गई। मारे गए हाथियों में बड़ा नर है, एक युवा नर और एक बच्चा है। तीन हाथियों के शव मिलने से वन विभाग में सनसनी है। वन विभाग के अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल कहानी यह आ रही है कि बिजली कंपनी का 11 किलोवाट का एक तार टूटा हुआ था। हाथी इसकी चपेट में आ गए। इस आशंका की भी जांच चल रही है कि कहीं लोगों ने हाथियों से बचने के लिए करंट तो नहीं फैला दिया था। अभी तीनों हाथियों का खून बिजली कंपनी के सिर पर है। जंगल में तार कैसे टूटा, इस सवाल का जवाब बिजली अफसर आसानी से दे सकते हैं कि बारिश-तूफान में हुआ होगा। कंपनी इस बात की जांच करना जरूरी नहीं समझेगी कि कहीं तार खींचने में कोई घोटाला या लापरवाही तो नहीं की गई थी, जिस वजह से तार टूटा और तीन हाथियों की जान चली गई।
रायगढ़ के वनों में इस वक्त डेढ़ सौ से ज्यादा हाथी घूम रहे हैं। कोयला तथा खनिज खदानों के शुरू होने से जंगल सुरक्षित नहीं रहे, इसलिए हाथियों के सामने भी जीने-खाने का संकट है। मारे गए तीनों हाथी किस दल के हैं, अभी साफ नहीं है। वन अफसरों ने बताया कि डीएफओ स्टाइलो मंडावी तथा अफसरों की पूरी टीम मौके पर है। तीनों हाथियों के शव का पंचनामा हो गया, पोस्टमार्टम चल रहा है तथा प्रथमदृष्टया करंट से ही मौत की बात आ रही है। जानकारों का कहना है कि अगर बिजली का तार टूटा हुआ नहीं होता, तो तीन हाथियों की मौत को लेकर सरकारी अमला आसपास के गांवों में हड़कंप मचा देता। लेकिन वन विभाग बिजली कंपनी से बिलकुल नहीं पूछेगा कि किस तरह तार खींचा गया था कि टूट गया, करंट प्रवाहित होता रहा और तीन-तीन हाथी मारे गए। यह सवाल भी कभी नहीं उठता कि आसपास के गांव के लोग इस तार की चपेट में आ जाते तो क्या अनर्थ हो जाता और जिम्मेदार कौन होता ?
बिजली कंपनी ने नार्म्स का पालन किया या नहीं
जंगलों में बिजली लाइन खींचने के लिए वन विभाग के पक्के नार्म्स हैं, जिसमें हर बात का उल्लेख है। जैसे, खंभों में खींचे गए तार की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए, खंभों को कांटेदार तारों से घेरना चाहिए, जंगल से गुजरनेवाले तारों की समय-समय पर जांच होना चाहिए कि कमजोर तो नहीं हैं। हाल में केंद्र सरकार के इंस्पेक्टर जनरल ने छत्तीसगढ़ के वन विभाग को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें पूछा गया था कि जंगल से बिजली सप्लाई में सारे नार्म्स का पालन किया जा रहा है या नहीं। यह भी कहा गया था कि बिजली कंपनी और वन विभाग को संयुक्त रूप से पूरे सप्लाई सिस्टम की जांच करनी चाहिए। 11 किलोवाट के तार के बारे में कहा गया था कि इसकी जगह इंसुलेटेड केबल लगाए जाएं, ताकि टूटें भी तो करंट न फैले। इन नार्म्स के वन और बिजली, दोनों महकमों ने कितना पालन किया, उसका उदाहरण है कि इसी 11 केवी के तार के करंट से तीन हाथी मारे गए हैं।