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रायपुर में पार्षद प्रत्याशी के खर्च की सीमा नहीं, पर मेयर के लिए 8 लाख रुपए फिक्स… जानिए नगरपालिका, नगर पंचायत की खर्च सीमा

राजधानी के कोर एरिया यानी घने शहर के 30-35 वार्डों में प्रमुख प्रत्याशियों के खर्चे को लेकर कई तरह के जादुई नंबर आते हैं। बड़े प्रत्याशियों का खर्चा 25 लाख से शुरू होकर 50 लाख रुपए तक बताया जाता है। हो सकता है कि इतना खर्च होता होगा, लेकिन चुनाव आयोग का हिसाब अलग है। आयोग ने पार्षद के लिए तो खर्च की सीमा हटा दी है, लेकिन नगर निगम में मेयर, नगरपालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष के प्रत्याशी का खर्चा तय कर दिया है। रायपुर समेत 14 नगर निगमों में मेयर चुनाव लड़नेवाला कोई भी प्रत्याशी 8 लाख रुपए से ज्यादा नहीं खर्च पाएगा। उसे चुनाव के दौरान दो-तीन बार खर्च का हिसाब देना होगा। सिर्फ नगर निगम ही नहीं, आयोग ने नगरपालिका और नगर पंचायत में भी अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा तय कर दी है। हालांकि आला अफसरों का कहना है कि इस बारे में संशोधित व्यय सीमा जल्द घोषित की जाएगी।

आयोग ने खर्च किस तरह तय किया, इसकी चर्चा गर्म है। जैसे, रायपुर महापौर का चुनाव जो भी लड़ेगा, उसे चार विधानसभा कवर करनी होगी। इसमें एक-दो विधानसभा के कुछ गांव ही छूटेंगे, बाकी तो पूरी की पूरी शामिल हैं। ऐसे में रायपुर महापौर प्रत्याशी का खर्च 8 लाख रुपए तय किया गया है। इस खर्च में क्या होगा, यह बताने की जरूरत नहीं है। जिन नगर निगमों की जनसंख्या 3 लाख से कम है, वहां के मेयर के उम्मीदवार को 5 लाख रुपए तक के खर्च में चुनाव लड़ना होगा। बिरगांव नगर निगम में यह खर्च लागू होगा। बिरगांव वाले जानते हैं कि इतने में चुनाव लड़ना कितना मुश्किल है। इसी तरह, नगरपालिका के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपए तय है। बतौर उदाहरण, कवर्धा नगरपालिका के अध्यक्ष का प्रत्याशी अधिकतम 2 लाख रुपए के खर्चे पर ही चुनाव लड़ेगा। नगर पंचायतों के लिए यही खर्च 75 हजार रुपए है। छत्तीसगढ़ के अधिकांश बड़े गांव नगर पंचायत हैं, जहां चुनाव का जबर्दस्त माहौल रहता है।

 

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