शासन

एक जगह जमे पटवारियों को हल्का ही नहीं, उस तहसील से भी बाहर भेजेगी सरकार… सीएम साय के सख्त तेवर

छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टरों के लिए सीएम विष्णुदेव साय ने साफ संदेश दे दिया है कि एक जगह जमे पटवारियों को तुरंत हटाना है। उन्हें न सिर्फ उस हल्के से, बल्कि तहसील से भी बाहर रखना है। इसकी समय-समय पर समीक्षा करनी होगी और नियमित तबादले करते रहने होंगे, ताकि राजस्व अमला दुरुस्त रहे। शुक्रवार को राजस्व विभाग की बैठक में सीएम साय के सख्त तेवर से प्रदेश के साढ़े 4 हजार पटवारियों में से सैकड़ों पर ट्रांसफर की तलवार लटक गई है, क्योंकि हर जिले में ऐसे पटवारी बड़ी संख्या में हैं। सीएम ने यह भी काह कि सभी अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि पटवारी जहां पदस्थ हैं, वहां रहकर नियमित रूप से काम करते रहें। बैठक में मंत्री टंकराम वर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सीएम के सचिव पी दयानंद और राहुल भगत, राजस्व सचिव अविनाश चंपावत तथा लैंड रिकार्ड कमिश्नर रमेश शर्मा भी मौजूद थे।

सीएम हाउस में राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम साय ने कहा कि आम लोगों को दैनिक सरकारी कामकाज में पटवारी के सहयोग की जरूरत पड़ती है। ऐसे में पटवारियों के कामकाज का पूरा सिस्टम फूलप्रूफ होना चाहिए। एक ही जगह पर पर जमे हुए पटवारियों को हटाएं और ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे नियत समय के बाद पटवारी का अनिवार्य रूप से उस हल्के ही नहीं, बल्कि उस तहसील क्षेत्र से भी स्थानांतरण हो जाए। सीएम ने कहा कि हमें राजस्व अमले की पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करना है। राजस्व विभाग सीधे आम आदमी से जुड़ा है और हमें इसकी छवि सुधारने के लिए काम करना है।  विभिन्न शासकीय कार्यालयों की भूमि का शासन के पक्ष में नामांतरण का काम अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। नगरीय क्षेत्रों में शहरी पट्टों के वितरण के लिए आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करनी होगी। फौती नामांतरण, बंटवारा, अविवादित नामांतरण सहित राजस्व मामलों के निराकरण में तेजी लाई जाए। इसे समय सीमा में ही पूरा करें। साथ ही राजस्व विभाग नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल नवाचारों पर भी काम करें।

26 साल तक भटके व्यक्ति का सुनाया किस्सा

बैठक की शुरुआत में सीएम साय ने एक घटना बयान की। उन्होंने बताया- मैं 1990 में नया-नया विधायक बना था। तब साधु की तरह दिखने वाले लंबी कद काठी का एक व्यक्ति मेरे पास आवेदन लेकर आया। वह मेरे जन्म यानी 1964 से राजस्व के एक मामले को लेकर राजस्व कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। उन्हें अपने मामले की सारी जानकारियां याद थीं और कागज पलटने तक की जरूरत नहीं पड़ती थी। 26 साल से कोई व्यक्ति कैसे भटक सकता है, यह जानकर मैं चकित रह गया। उन्हें अपनी गाड़ी से एसडीएम कार्यालय लेकर गया और मामले का निराकरण करवाया।

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