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हमारे रायपुर की आबोहवा काफी साफ होने लगी… देश के130 बड़े शहरों में 12वीं रैंक, पिछले साल थे 16वें नंबर पर

राजधानी रायपुर में रहनेवाले तथा यहां रोजाना आने-जाने वालों को मिलाकर तकरीबन 20 लाख लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल शहर की आबोहवा में शुद्धता बढ़ गई है। ऐसा प्रशासन या नगर निगम नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का इस साल का वायु सर्वेक्षण बता रहा है। केंद्र सरकार ने देशभर के 130 शहरों, जिनमें 47 की आबादी 10 लाख से ज्यादा है, उन सभी में हवा की जांच करवाई थी। कई मापदंडों पर हुई इस जांच के नतीजे शनिवार को केंद्र ने ही घोषित किए हैं और रायपुर को इन 130 शहरों में 12वीं रैंकिंग मिली है। यह सही है कि रायपुर अब भी टाप-टेन में नहीं आ पाया, लेकिन अच्छी बात यह भी है कि पिछले साल के मुकाबले शहर की रैंकिंग 16 से 4 अंक सुधरी है, यानी हवा कुछ और साफ हो गई है। इस नतीजे पर मेयर एजाज ढेबर और कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने शहर के लोगों को बधाई दी है।

शहरों में हवा-पानी की शुद्धता का सर्वे मोदी सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने करवाया था। सर्वे कुल 130 शहरों में किया गया था और रायपुर को 10 लाख की आबादी वाली शहरों में रखा गया था। जो नतीजे आए हैं, उनके मुताबिक रायपुर को 177.5 अंक मिले हैं, इस तरह पिछले साल के मुकाबले रैंकिंग चार पायदान सुधरी है। खास बात ये है कि जितने भी शहरों का सर्वे हुआ, किसी को फुल मार्क्स नहीं मिल पाए हैं। निगम कमिश्नर मिश्रा ने कहा कि नगर निगम के अफसर-कर्मचारियों ने इसमें काफीि मेहनत की है और लगातार कर रहे हैं। इस साल निगम ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 177.5 नंबर हासिल करने की ही तैयारी की थी,  जिसमें कामयाबी मिली है, जबकि रायपुर के एबीडी एरिया की बसाहट बहुत घनी है और शहर से लगा बड़ा औद्योगिक केंद्र भी है। सूत्रों ने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए केंद्र ने हवा की शुद्धता तय करने के लिए जो मापदंड रखे थे, उनमें बायोमास एंड म्युनिसिपल वेस्ट बर्निंग, रोड की डस्ट,सीएनडी वेस्ट की डस्ट, वाहनों का प्रदूषण, ओद्योगिक प्रदूषण, अन्य प्रदूषण तथा हवा में महीन धूल (पीएम-10 कंसंट्रेशन) शामिल थे।

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