एसीबी ने जिला शिक्षा अधिकारी को 1 लाख रुपए के साथ दबोचा… गरीब बच्चों के आरटीई एडमिशन वाले पेमेंट में स्कूलों से 10 फीसदी हिस्सा मांगा था

छत्तीसगढ़ सरकार हर साल राइट टू एडुकेशन (आरटीई) के तहत अच्छे स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों का दाखिला और पढ़ाई मुफ्त करवाती है। इन बच्चों की मुफ्त शिक्षा के एवज में सरकार संबंधित स्कूलों को फीस तथा अन्य खर्च का भुगतान करती है। यह पेमेंट जिला शिक्षा विभाग करता है। इस पेमेंट के लिए अक्सर स्कूलों से पैसे मांगने की शिकायतें मिलती रहती हैं, पर सबूत नहीं होने से कार्रवाई नहीं हो पाती। लेकिन सूरजपुर में 6 स्कूलों के संचालकों ने मिलकर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से शिकायत कर दी कि वहां के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) रामललित पटेल आरटीई पेमेंट में सभी से 10 प्रतिशत की डिमांड कर रहे हैं। इस शिकायत की जांच के बाद एसीबी ने जाल फैलाया और एक स्कूल के संचालक को 1 लाख रुपए के साथ डीईओ के पास भेज दिया। डीईओ ने जैसे ही पैसे लिए, एसीबी टीम ने छापा मारकर डीईओ को अरेस्ट कर लिया।
एसीबी अफसरों ने बताया कि आरटीई की प्रतिपूर्ति में डीईओ की ओर से हिस्सा मांगने की शिकायत करनेवाले स्कूलों में रामरति पब्लिक स्कूल सूरजपुर, छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल दतिमा, सरस्वती बाल मंदिर सोनपुर, प्रिया बाल मंदिर भटगांव और लक्ष्मी विद्या निकेतन नरोला के संचालक शामिल हैं। एसीबी की टीम ने इस शिकायत की बारीकी की पड़ताल की थी और प्रथमदृष्टया शिकायतें सही पाई गईं। इसके बाद रेड प्लान की गई और शुक्रवार को दोपहर सूरजपुर डीईओ को उन्हीं के दफ्तर में दबोच लिया। एसीबी फिलहाल डीईओ के घर पहुंचकर जांच कर रही है।