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निलंबित IAS रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, इससे पहले ईओडब्लू में नया केस, रिहा होते ही गिरफ्तारी की तलवार

कोल स्कैम में आय से अधिक संपत्ति को लेकर नई एफआईआर दर्ज कर ली ईओडब्लू ने

कोयला घोटाले में गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने की सूचना है। फिलहाल बचाव पक्ष के वकीलों से रायपुर में यही जानकारी आई है, जमानत के आधार वगैरह का ब्योरा नहीं है। सूचना केवल यही है कि रानू साहू के साथ इसी मामले में एक और आरोपी दीपेश टांक को भी 7 अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत का लाभ दिया गया है। दीपेश भी जेल में हैं। लेकिन इससे पहले, छत्तीसगढ़ की एजेंसी ईओडब्लू ने रानू साहू पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में सोमवार को सुबह ही नई एफआईआर दर्ज कर ली है तथा इसमें रानू की गिरफ्तारी बाकी है। अर्थात, अगर रानू अंतरिम राहत के आधार पर रिहा होती हैं, तो जेल से बाहर आते ही ईओडब्लू से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

नई दिल्ली के सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुवन की डबल बैंच ने रानू साहू को 7 अगस्त तक की अंतरिम जमानत के आदेश दिए हैं। रानू साहू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी की है। जमानत किन ग्राउंड्स पर दी गई है, अभी इसका विवरण नहीं मिला है। गौरतलब है, आईएएस रानू साहू करीब एक साल से कोयला घोटाला और मनीलांड्रिंग के ईडी की ओर से दर्ज के लिए गए केस में जेल में बंद हैं। दीपेश को इससे छह माह और पहले, यानी करीब डेढ़ वर्ष पहले ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

गौरतलब है, शराब घोटाले में अनवर ढेबर के मामले में करीब 15 दिन पहले एक घटनाक्रम हुआ था, जिसकी चर्चा अब फिर हो रही है।  अनवर को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन यूपी एसटीएफ नोएडा में दर्ज केस के सिलसिले में अनवर को गिरफ्तार करने के लिए यहां पहुंच गई थी। एसटीएफ ने अनवर को जेल से बाहर आते ही काबू में किया था। तब अनवर के समर्थकों से एसटीएफ का विवाद भी हुआ, लेकिन यूपी एसटीएफ अगले दिन अनवर को मेरठ ले गई। अनवर अब भी यूपी में ही रिमांड पर है।

 

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