एसएसपी ने डेढ़ करोड़ रुपए का एक टन गांजा जलवाया… 1300 डिग्री तापमान वाली भट्ठी में मिनटों में खाक

रायपुर एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह ने पिछले डेढ़ महीने में रायपुर जिले में करीब 57 मामलों में जब्त लगभग 1 टन (989 किलो) गांजा पावर प्लांट की भट्ठी में जलवा दिया। सिलतरा में जिस पावर प्लांट की फर्नेंस में गांजा जलाया गया, उसका तापमान औसतन 1200 डिग्री सेल्सियस रहता है, यानी लोहा पिघलने लगे। भट्टी में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का गांजा मिनटों में खाक हो गया। हालांकि नशीले पदार्थों को नष्ट करने की यह प्रक्रिया पुलिस का रूटीन है। दो-चार महीने में हर जिले की पुलिस जब्त हुए नशीले पदार्थों को नष्ट करती है। सूखे नशे को जलाया जाता है, अवैध शराब की शीशियां बिछाकर उन पर रोड रोलर चलवाकर नष्ट किया जाता है।
एसएसडी डा. लाल उमेद ने बताया कि नशीले पदार्थों को नष्ट करने का एनडीपीएस एक्ट में खास प्रोटोकाल यानी प्रावधान है। नशीले पदार्थों का नष्टीकरण केन्द्र सरकार, गृह मंत्रालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरों के आदेशों के अनुरूप एक कमेटी करती है। यह कमेटी पुलिस मुख्यालय द्वारा बनाई जाती है। रायपुर में एसएसपी डा. लाल उमेद ही इसके अध्यक्ष हैं। रायपुर पुलिस ने गांजा नष्ट करने के लिए इसे एक जगह एकट्ठा करने का सिलसिला एक हफ्ता पहले शुरू किया था। शनिवार को एसएसपी के साथ एएसपी कीर्तन राठौर और आवकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा सदस्यो की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। गांजे के साथ कमेटी के सदस्य सिलतरा के एक निजी पावर प्लांट में पहुंचे। रायपुर पुलिस के मुताबिक 57 एनडीपीएस प्रकरण में कुल 989.600 किलोग्राम गांजा जनसामान्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लांट की फर्नेंस में जला दिया गया। इसके लिए बाकायदा पर्यावरण विभाग से अनुमति भी ली गई। जहां तक जलाए गए गांजे की कीमत का सवाल है, अफसरों के मुताबिक छोटी और बड़ी जब्ती के हिसाब से गांजे का बाजार मूल्य प्रति किलो 10 से 10 हजार रुपए आंका जाता है। अगर 15 हजार रुपए किलो से देखा जाए तो आज जलाया गया गांजा करीब डेढ़ करोड़ रुपए का था।