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रिंगरोड का शूटर टाइटल गिरफ्तार…फायरिंग के बाद बाइक छोड़कर पकड़ी आटो…पंजाब कैसे भागे, पढ़िए कहानी…

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रिंगरोड-1 पर ठेकेदार फर्म पीआरए कंस्ट्रक्शन पर गोली चलाने वाला शूटर आखिरकार पंजाब में रायपुर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया। सागर उर्फ टाइटल नाम का यह गैंगस्टर 21 साल का है। कुछ दिन पहले टाइटल हथियार रखने के मामले में पंजाब पुलिस की गिरफ्त में आया। उसे जेल भेज दिया गया, लेकिन पंजाब से रायपुर क्राइम ब्रांच को इसके बारे में कुछ टिप्स मिले। क्राइम ब्रांच पहले ही सीसीटीवी फुटेज के जरिए पीछा करते हुए पंजाब तक पहुंच चुकी थी। पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया कि रिंग रोड फायरिंग के बाद बाइक पर दो शूटर के जो फोटो मिले थे, उसमें पीछे बैठा युवक टाइटल ही था, जिसने गोली चलाई। बाइक चलाने वाले गैंगस्टर का भी पता चल गया है, उसे घेरा जा रहा है। चूंकि टाइटल जेल में था, इसलिए रायपुर पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर बुधवार को आई और कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया।
दुर्ग से ट्रेन पकड़कर पंजाब पहुंचे थे गैंगस्टर
रायपुर में फायरिंग के बाद भागने की जो कहानी सामने आई, उसके मुताबिक दोनों गैंगस्टरों ने फायरिंग के बाद रिंग रोड पर ही बाइक छोड़ी। वहां से दोनों एक आटो से स्टेशन क्षेत्र के एक लाज में पहुंचे, जहां दो दिन से फर्जी आईडी से ठहरे हुए थे। फ्रेश होकर दोनों आटो से टाटीबंध आए और बस से दुर्ग गए। दुर्ग स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और पंजाब के एक स्टेशन पर उतरकर अलग हो गए। सभी जगह दोनों के सीसीटीवी फूटेज क्राइम ब्रांच को पहले ही मिल गए थे। मानसा जिले के सांगा गांव में टाइटल का पीछा करते हुए क्राइम ब्रांच पहुंची, तो पता चला कि तीन दिन पहले पंजाब पुलिस उसे उठाकर ले गई थी और जेल में डाल दिया था। पंजाब पुलिस ने क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मामले को सुलझाने में मदद की। टाइटल के लिए रायपुर से दो दिन पहले प्रोडक्शन वारंट लिया गया। उसे जेल से रायपुर लाया गया है। टाइटल के साथ दूसरे गैंगस्टर की पुख्ता जानकारी पुलिस को मिल गई है। इसके अलावा इस केस में तीन-चार गैंगस्टर के नाम और मिले हैं। बताते हैं कि ये लारेंस विश्नोई गैंग के नहीं हैं। टाइटल से पूछताछ के बाद जल्दी ही रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह पूरे मामले का खुलासा करने वाले हैं।
पूछताछ में होगा पूरी वारदात का खुलासा
शूटर सागर उर्फ टाइटल के बारे में सबसे पहले पंजाब की बठिंडा पुलिस ने क्राइम ब्रांच से संपर्क कर आशंका जताई थी कि वह रायपुर फायरिंग में शामिल हो सकता है। तब तक रायपुर क्राइम ब्रांच और साइबर सेल भी तकनीकी विश्लेषण के जरिए टाइटल तक पहुंच चुकी थी। बठिंडा पुलिस ने ही बताया कि टाइटल आर्म्स एक्ट के मामले में जेल में है। सब कुछ पुख्ता होने के बाद टाइटल के लिए रायपुर कोर्ट से वारंट लिया गया। अभी रायपुर क्राइम ब्रांच उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी तो और भी बातें खुलेंगी।
छत्तीसगढ़ की फर्जी आईडी से लाज में रुके
टाइटल और उसका साथी गैंगस्टर फर्जी आईडी लेकर रायपुर आए। स्टेशन क्षेत्र के एक लाज में दोनों ने फर्जी आईडी दी, जिसमें पता यहीं का था लेकिन फोटो उनका था। लाज संचालक ने इस आईडी के आधार पर दोनों को रूम दे दिया। मिली जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर्स ने अलग-अलग लोगों से बाइक और पिस्टल हासिल की। एक दिन रेकी करने के बाद दोनों झारखंड की बाइक से रिंग रोड-1 पर पीआरए कंस्ट्रक्शन के दफ्तर पहुंचे। एक के बाद तीन गोलियां दागने के बाद दोनों वहां से भागे और तकरीबन दो किमी दूर पहले से निर्धारित जगह पर बाइक छोड़ी। आटो से बैठकर दोनों लाज पहुंचे। कुछ देर में लाज से निकलकर आटो से टाटीबंध गए। वहां से बस पकड़कर दुर्ग स्टेशन पहुंच गए, जहां प्लान के मुताबिक दोनों को ट्रेन मिल गई। ट्रेन से दोनों आराम से पंजाब पहुंच गए। टाइटल और दूसरा गैंगस्टर अपने-अपने गांव चले गए। अब ठाइटल फंसा है। अफसरों ने कहा कि इस मामले में और आरोपियों का भी पता चला है, जिन्हें जल्दी ही उठा लिया जाएगा।
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