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रिजल्ट आने वाले हैं…बच्चों को तनाव से बचाने के लिए अब पूरे प्रदेश में सरकारी PTM

बच्चा परेशान हो तो टोल फ्री नंबर 18002334363 पर काल करें, 1 से 15 मई तक एक्टिव

पैरेंट्स-टीचर मीटिंग्स आमतौर से निजी स्कूलों में ही होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली बार हर जिले में बड़े पैमाने पर कलेक्टरों तथा शिक्षा से जुड़े सरकारी अमले को पैरेंट्स-टीचर मीटिंग यानी पीटीएम शुरू करने के लिए कह दिया है। यह कोशिश सिर्फ इसलिए की जा रही है, ताकि नतीजों के अवसाद से घिरे बच्चों को तनाव से बाहर निकालकर बचाया जा सके। यहीं नहीं, शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में सलाह देने के लिए टोल फ्री नंबर 18002334563 को 1 से 15 मई तक सुबह साढ़े 190 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए एक्टिव करने जा रहा है। इस नंबर पर मनोचिकित्सक और काउंसलर काल करने वाले की परेशानी या तनाव पर मोटिवेशनल सुझाव भी देंगे।

खास बात यह है कि पीटीएम के इस कांसेप्ट को लेकर प्रदेश सरकार बहुत गंभीर है। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेशी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इस मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल उन चुनिंदा मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों और कैरियर काउंसलर को ट्रेनिंग देने जा रहा है, जो इस अभियान में शामिल किए गए हैं। इनके लिए 29 अप्रैल को दक्षता विकास प्रशिक्षण का आयोजन दोपहर 12 बजे से रखा गया है। यह कार्यक्रम ब्लाक और पंचायत स्तर तक आनलाइन किया जाएगा। पहली बार हो रहे इस तरह के ट्रेनिंग सेशन का वेबलिंक (weblink) हर बीईओ-बीआरसीसी के जरिए संबंधित शिक्षकों को जारी कर दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपील की है कि बोर्ड कक्षाओं के जो टीचर, पैरेंट्स, आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता और मितानिन स्वेच्छा से से जुड़ना चाहते हैं, तो वे अपने संबंधित शिक्षा दफ्तर से संपर्क कर सकते हैं।

पीटीएम का एकमात्र उद्देश्य… रिजल्ट के तनाव से प्रदेश के बच्चों को बचाना

मई के पहले पखवाड़े में छत्तीसगढ़ बोर्ड ही नहीं बल्कि सीबीएसई समेत अन्य बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे भी जारी होने वाले हैं। सरकार का मानना है कि नतीजे आने से पहले ही कुछ बच्चों में तनाव दिखने लगता है। वे शांत हो जाते हैं या फिर चिड़चिड़े होने लगते हैं। ऐसे में नतीजे आने के बाद अप्रिय निर्णय लेने की आशंका बढ़ जाती है। हर साल नतीजों के बाद हफ्ते-दस दिन तक ऐसे मामले सुनाई देते हैं। यह बेहद अप्रिय स्थिति है और हर कोई ऐसी सूचनाओं से व्यथित भी होता है। इसे दूर करने के लिए ही सरकार पीटीएम शुरू करने जा रही है, ताकि बच्चों को बताया जाए कि यह नतीजे अंतिम नहीं हैं और दुनिया में ऐसे बहुत से सफलतम लोग हैं, जिन्हें इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और वे इससे और ताकतवर होकर उभरे।

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