नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों का आरक्षण 27 दिसंबर को… मेयर-अध्यक्ष की लाइन में लगे नेताओं का इसी से तय होगा भविष्य

नगरीय प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के आरक्षण की तारीख घोषित कर दी है। प्रदेशभर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 27 दिसंबर शुक्रवार को होगी। राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल आडिटोरियम में आरक्षण की प्रक्रिया सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होगी और उसी दिन शाम तक पूरी कर ली जाएगी। नगर निगम में महापौर अथवा नगरपालिका और नगर पंचायत में अध्यक्ष बनने का सपना संजोए कई नेताओं का भविष्य़ इसी से तय हो जाएगा, तो कुछ की लाटरी भी लग जाएगी।
प्रदेश के सभी कलेक्टरों ने 19 दिसंबर तक नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायतों में वार्डों का आरक्षण पूरा कर लिया था। हर जिले से यह सूची नगरीय प्रशासन विभाग के पास पहुंच गई है। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि किसी भी समय शहरी निकायों के आरक्षण की तारीख घोषित कर दी जाएगी। नगरीय प्रशासन विभाग के डायरेक्टर ने शाम को जारी आदेश में 27 दिसंबर को आरक्षण की प्रक्रिया किए जाने की घोषणा कर दी। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक ही इस प्रक्रिया के विहित प्राधिकारी भी होंगे, यानी आरक्षण की लाटरी उन्हीं के मार्गदर्शन में निकाली जाएगी। पिछले आरक्षण तथा जनसंख्या वगैरह के आधार पर विभाग के अफसर आरक्षण रोस्टर तैयार करने में लग गए हैं। जबकि कई नेताओं की नजर आरक्षण पर लगी हुई है। आरक्षण से राजनीति किस तरह प्रभावित होती है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कल्पना करिए, रायपुर नगर निगम महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया (एक बार हुआ है, जब किरणमयी नायक मेयर बनी थीं), तो इससे रायपुर शहर सरकार के मुखिया बनने की दौड़ में शामिल कई नेताओं को या तो पीछे हटना पड़ेगा, या परिवार की महिलाओं को आगे लाने के बारे में सोचना होगा। राजनैतिक दलों के लिए यह ज्यादा आसान होगा, क्योंकि वे तय करेंगे कि किसी नेता के परिवार की महिला को टिकट दें, या फिर जो महिलाएं वर्षों से पार्टी में सक्रिय हैं, उन्हें बिना किसी सिफारिश के टिकट दिया जाएगा। प्रदेश के कई नगर निगमों और नगरपालिकाओं में आरक्षण के बाद यह स्थिति बन सकती है।