रायपुर एसएसपी ने आधी रात अफसरों की बैठक बुलाकर कहा- अब क्रिमिनल, नशेड़ियों को डरा देने वाला एक्शन जरूरी… रासुका शुरू करने का इशारा ?
राजधानी में ज्यादातर अपराधियों के नशे की गिरफ्त में अपराध करने की दुष्प्रवृत्ति को रोकने के लिए रायपुर पुलिस का ऐसा रूप नजर आने की उम्मीद है, जो अपराधियों और नशेड़ियों में डर पैदा कर देगा। एसएसपी डा. संतोष कुमार सिंह ने रायपुर से तमाम पुलिस अफसरों की बुधवार को आधी रात बैठक बुलाई और उन्हें सख्त निर्देश दिए कि अब एक्शन का मोड बदलना चाहिए। कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए कि अपराधियों और नशेड़ियों का चालान तो करना ही है, लेकिन उनमें डर पैदा करना ज्यादा जरूरी है। 10 दिन पहले रायपुर फायरिंग समेत कुछ संगीन मामलों में अपराधियों के वीडियो जारी हुए थे, जो सहारा लेकर चलते नजर आ रहे थे। संभवतः एसएसपी का इशारा इसी तरफ था कि पकड़े गए अपराधी या नशेड़ी पर इस तरह एक्शन लिया जाए वह ऐसी गलती दोहराने के बारे में दोबारा सोचे। आदतन अपराधियों को जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका या एनएसए) में निरुद्ध करने से भी परहेज की जरूरत नहीं है।
रायपुर फायरिंग केस, आमासिवनी में डबल मर्डर तथा इसी तरह के मामलों में पुलिस ने जिन लोगों को भी अरेस्ट किया है, ज्यादातर इस स्थिति में नजर आने लगे हैं कि बिना सहारे के खड़े नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि यह बात खुलकर कभी नहीं कही गई, लेकिन अपराधियों में डर पैदा करने के लिए पुलिस अब कई बार उस डिग्री का इस्तेमाल करने लगी है, जिसे बोलचाल की भाषा में थर्ड डिग्री कहा जाता है। गुरुवार रात हुई बैठक में अफसरों का टोन भी कुछ इसी तरह का था। एसएसपी डा. सिंह ने कहा कि गैंगस्टर और क्रिमिनल ही नही, सार्वजनिक जगहों पर नशाखोरी करने वालों और नशे में गाड़ी चलाने वालों पर भी ऐसा एक्शन चाहिए, ताकि वह भी एक बार पकड़े जाने के बाद दोबारा ऐसा करने से डरें।
पुलिस के मूवमेंट से अपराधियों में दहशत की जरूरत
एसएसपी डा. संतोष सिंह ने कहा कि हर अपराध को रोक पाना मुश्किल है, लेकिन जैसे ही कोई अपराध घटता है, पुलिस को इतनी तेजी से घेरा कसना चाहिए और ऐसा एग्रेसिव एक्शन होना चाहिए कि अपराध कर भागा बदमाश बुरी तरह डरता रहे। जो पकड़ा जाए, उस पर कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए कि उसके पूरे जानने वालों में भय पैदा हो। जो आदतन बदमाश हैं और जमानत पर हैं, सबकी लिस्ट बनाई जाए और उनकी जमानत रद्द करवाई जानी चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में भी अपराधियों को निरुद्ध कर सकते हैं। जो आरोपी फरार हैं, उनकी संपत्ति कुर्क करने में देरी बिलकुल नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा एसएसपी ने बैठक में अपराध के हिसाब से चिन्हित सेंसिटिव जगहों पर लगातार पेट्रोलिंग और लोगों के साथ मीटिंग करने को कहा। अपराध समीक्षा दौरान दर्ज प्रकरणों में तेजी से चालान करने को कहा ताकि पीड़ित को न्याय मिलें। इस वर्षांत तक अपराध पेंडेंसी न्यूनतम करने का निर्देश दिया।