लारेंस विश्नोई-अमन साहू गैंग के दो शूटर, दो बाइक राइडर्स को रायपुर पुलिस ने दबोचा
आईजी मिश्रा, एसएसपी सिंह का खुलासाः शूटर मलेशिया से मयंक से ले रहे थे निर्देश
कुख्यात लारेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के लिए काम करने वाले चार शूटर्स को क्राइम ब्रांच ने एक खुफिया इंटेलिजेंस पर रायपुर में पिस्टल के साथ दबोच लिया है। अभी यह खुलासा नहीं किया गया कि ये शूटर्स रायपुर या छत्तीसगढ़ में किस वारदात के सिलसिले में डेरा डाले हुए थे। सिर्फ यही बात आई है कि झारखंड में काम कर रहे छत्तीसगढ़ के कुछ कारोबारी इनके निशाने पर थे। गिरफ्तार शूटर्स में से रोहित स्वर्णकार और पप्पू सिंह मलेशिया में बैठे मयंक सिंह से संपर्क में थे। झारखंड का मयंक सिंह क्वालालंपुर में बैठकर लारेंस और अमन गैंग के लिए आपरेट करता है। चारों की गिरफ्तारी 72 घंटे के खुफिया आपरेशन के बाद पूर्वी छत्तीसगढ़ और राजस्थान से की गई है। फिलहाल चारों के खिलाफ आर्म्स एक्ट तथा अपराध की योजना बनाने की धाराएं लगाई गई हैं।
रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा तथा एसएसपी संतोष कुमार सिंह रविवार को उस प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए, जिसमें इन शूटर्स को पेश किया गया। चारों की गिरफ्तारी का आपरेशन आईजी मिश्रा तथा एसएसपी सिंह के निर्देश पर ही चला। आरोपियों ने बताया कि अमन साहू गैंग को आपरेट करने वाले मयंक ने बोकारो के रोहित स्वर्णकार को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर भेजा, जहां सेंधवा से उसने 1 पिस्टल और एक मैगजीन ली। उसे पिस्टल लेकर रायपुर पहुंचने कहा गया। इधर, राजस्थान के पप्पू सिंह से कहा गया कि एक वारदात के लिए बाइक राइडर की व्यवस्था करे। इसके बाद पप्पू ने सारन के मुकेश भाट और देवेन्द्र सिंह को रायपुर भेजा। इन दोनों का काम वारदात के दौरान बाइक स्टार्ट रखकर भागने के लिए तैयार रहना था। रोहित पिस्टल लेकर ट्रेन से रायपुर आ गया। मुकेश एवं देवेन्द्र बस से यहां पहुंचे। इन्हें बताया गया कि यहां पहुंचने के बाद दो बाइक का इंतजाम कर देंगे और क्या काम करना है, यह भी बता देंगे।
प्लान की भनक लगते ही तीन को रायपुर में पकड़ा
इस बीच, पुलिस को इस पूरे प्लान की भनक लग गई। सबसे पहले गंज इलाके में ठहरे हुए रोहित को निगरानी के बाद दबोचा गया और उससे पिस्टल-मैगजीन मिल गए। मोबाइल लोकेशन पर भाठागांव चौक पर निगरानी की गई तथा दो और लोग गिरफ्तार कर लिए गए। उन्होंने बताया कि वारदात के दौरान दोनों केवल बाइक चलाने आए हैं तथा एक शूटर झारखंड से आने वाला है। ये तीनों इंटरनेट कालिंग तथा एप कालिंग से संपर्क में थे। मयंक ने रोहित को 29-29 कोड, पप्पू ने मुकेश को राम-राम और जय माता दी कोड यूज करने के लिए कहा था। पप्पू सिंह की भूमिका मिलने के बाद दिल्ली से एक पुलिस टीम राजस्थान के पाली भेजी गई। वहां सारन गांव में पप्पू सिंह को चुपचाप उठाकर पुलिस यहां आ गई। चारों आरोपियों रोहित (26), मुकेश कुमार (26), देवेंद्र सिंह (20) और पप्पू सिंह और पप्सा (31) ने पूछताछ में मलेशिया में बैठे मयंक सिंह के निर्देश पर काम करने की बात कबूत कर ली है। रविवार को पुलिस ने चारों की रिमांड ली है, ताकि पता लगाया जा सके कि किस कांड के लिए रायपुर आए थे। चारों के झारखंड, राजस्थान तथा कई जगह केस में नाम हैं।