आज की खबर

सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस… अब अस्पतालों को भी एफिडेविट देना होगा कि उनके यहां कोई नहीं आते

सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं या नहीं, इस मामले में उनके लिए शासन के अलग निर्देश हैं, लेकिन शासन ने ऐसे डाक्टरों का पीछा नहीं छोड़ा है। कमिश्नर-हेल्थ की ओर से हाल में जारी एक आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि हर पंजीकृत प्राइवेट अस्पताल को अब इस बात का एफिडेविट (शपथपत्र) भी देना होगा कि उनके यहां कोई भी सरकारी डाक्टर फुल टाइम या पार्ट टाइम ड्यूटी नहीं करता है, यहां तक कि आन-काल भी नहीं रहते। एफिडेविट किस तरह बनाया किया जाना है, प्राइवेट अस्पताल संचालकों के लिए उसका प्रारूप भी आदेश के साथ संलग्न किया गया है। इस एफिडेविट को स्वास्थ्य संचालनालय में जमा करना होगा। इस आदेश की प्राइवेट अस्पतालों ही नहीं, बल्कि पूरे डाक्टरों में जमकर चर्चा है। आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी प्राइवेट अस्पताल जो सरकार की योजनाओं आयुष्मान भारत, पीएम जनआरोग्य योजना, शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज के लिए पंजीकृत हैं, उन्हें यह शपथपत्र देना अनिवार्य होगा। गौरतलब है, ज्यादा प्रमुख प्राइवेट अस्पताल इन योजनाओं से कवर्ड हैं।

प्राइवेट प्रैक्टिस पर जारी किया गया आदेश

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button