कवर्धा कांड पर पूर्व सीएम भूपेश का बड़ा वार- क्या लोहारीडीह के 167 लोगों को फांसी पर चढ़ाना है…?
कवर्धा कांड पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एफआईआर की तमाम कापियों और डाक्यूमेंट के साथ प्रेस कांफ्रेंस लेकर सरकार पर बड़ा हमला किया है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में सोमवार को दोपहर भूपेश बघेल ने मीडिया से कहा कि पुलिस ने लोहारीडीह मामले में 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। नए कानून के तहत एफआईआर मर्डर और माब लिंचिंग की धाराओं में की गई है। इन धाराओं में फांसी या डबल उम्रकैद का प्रावधान है। प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला भी मौजूद थे। पूर्व सीएम भूपेश ने पूछा कि जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, क्या लोहारीडीह के सभी नामजद 167 लोगों को फांसी पर चड़ाने की तैयारी है, क्योंकि धाराओं से तो यही प्रतीत हो रहा है। धाराएं ऐसी हैं कि मृत्युदंड नहीं होने की दशा में भी जितने लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, सभी को वर्षों तक जेल में ही रहना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी ने अपनी नाकामी का बदला पूरे गांव से लिया है।
लोहारीडीह कांड में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके बारे में पूर्व सीएम भूपेश ने बताया कि 167 आरोपियों में से 137 साहू समाज से हैं। यादव समाज से 20 लोग, आदिवासी समाज से 8 लोग तथा एक-एक व्यक्ति मानिकपुरी और पटेल समाज से है। उन्होंने कहा कि हमारे पास एफआईआर की कापी आई है, उसमें 167 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में नामजद मुकदमे दर्ज हैं। पूर्व सीएम ने सभी 167 आरोपियों के नाम भी जारी किया हैं। उन्होंने कहा कि लोहारीडीह के पूरे ग्रामीणों को संगीन धाराओं में फंसाकर जेल में डाला गया है। एफआईआर से यह भी स्पष्ट है कि सरकार 167 लोगों को फांसी की सजा दिलाना चाह रही है। एफआईआर में सिर्फ 167 आरोपी हैं, ऐसा भी फाइनल नहीं है। एफआईआर में इनके साथ अन्य भी लिखा गया है, यानी बाद में और लोगों को आरोपी बनाने का रास्ता तैयार कर लिया गया है। भूपेश बघेल ने कहा कि वरिष्ठ वकीलों ने बताया है कि जो धाराएं 167 लोगों के खिलाफ लगाई गयी है, कानूनी तौर पर उनमें फांसी की सजा और दोहरे आजीवन कारावास का प्रावधान है। इस तरह, अपनी विफलता को छिपाने के लिए पूरे लोहारीडीह गांव से बदला लिया गया है और सभी समाज के लोगों को प्रताड़ित किया गया है।